कानपुर से शुरू हुआ I Love Muhammad विवाद बरेली में बड़ा रूप लेता दिखा. जुमे की नमाज के बाद मौलाना तौकीर रजा ने प्रदर्शन का ऐलान किया. देखते ही देखते सड़कों पर भीड़ उमड़ आई. पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो स्थिति बेकाबू हो गई. पथराव और लाठीचार्ज के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए.
इस मामले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रवक्ता असीम वकार ने मौलाना तौकीर रजा पर निजी टीवी चैनल के माध्यम से तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, ''आप इतने बड़े मौलाना हैं, फिर भी आपने पोस्टरों पर सिर्फ 'I Love Muhammad' लिखवाया. क्या आपको नहीं मालूम कि पैगम्बर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का नाम बिना दुआ पढ़े नहीं लिया जा सकता?”वकार ने आरोप लगाया कि छोटे बच्चों को तख्तियां थमा दी गईं और उन्हें सड़क पर उतार दिया गया. उन्होंने कहा कि पैगम्बर के नाम की बेअदबी किसी भी रूप में अस्वीकार्य है.
मोहम्मद हमारी रूह में हैं-असीम वकार
असीम वकार ने भावुक होते हुए कहा, ''हमारे दिलों और रूह में मोहम्मद हैं. हमें उन्हें पुकारने से कौन रोक सकता है? लेकिन जब आप उनकी शान नहीं समझते तो आपको पोस्टर हाथ में उठाने का हक भी नहीं है.'' उन्होंने आगे कहा कि यह लड़ाई सड़क पर लड़ाई नहीं है बल्कि ईमान की लड़ाई है. वकार के मुताबिक, नेताओं की चालाकी यही है कि युवाओं को उकसाकर सड़क पर उतार दिया जाता है और फिर पुलिस कार्रवाई का शिकार वही बनते हैं.
तौकीर रजा से शिकायत
असीम वकार ने तौकीर रजा से नाराजगी जताते हुए कहा कि आपने कोई दिशा-निर्देश क्यों नहीं दिए कि पैगम्बर के नाम से पहले दुआ पढ़ी जाए? छोटे बच्चों को तख्तियां क्यों थमाईं? यह जिम्मेदारी का सवाल है.”उन्होंने कहा कि सभी धर्मों में आस्था के प्रतीकों के आगे सम्मानजनक उपाधि लगाई जाती है, लेकिन यहां लापरवाही दिखाई गई.
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