वायरल सच: क्या इनकम टैक्स भरना मौत के बाद मुनाफा दिला सकता है?
एबीपी न्यूज | 20 Jan 2017 10:32 PM (IST)
नई दिल्ली: सोशल मीडिया में वायरल हो रहे मैसेज में दावा है कि जिसने तीन साल तक लगातार इनकम टैक्स रिटर्न भरा हैं उसकी अगर सड़क दुर्घटना में मौत होती है तो उसे मुआवजा मिलेगा. ये दावा चौंकाने वाला है. क्या इनकम टैक्स रिटर्न मौत के बाद का बीमा है? क्या इनकम टैक्स भरना मौत के बाद मुनाफा दिला सकता है? क्या इनकम टैक्स सड़क दुर्घटना में मौत के बाद मुआवजा दिला सकता है? और थोड़ा मोड़ा मुआवजा नहीं भारी भरकम मुआवजा. आप सोच रहे होंगे कि आखिर माजरा क्या है. दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक मैसेज ये सवाल उठा रहा है. दावा है कि जो व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करता है अगर उसकी सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है तो सरकार उसके परिवार को मुआवजा देने के लिए बाध्य है. कैसे और क्यों ये समझने के लिए आप वो वायरल मैसेज देखिए जिसमें लिखा है. अगर किसी व्यक्ति की अचानक दुर्घटना में मौत हो जाती है वो पिछले तीन साल से लगातार इनकम टैक्स रिटर्न भर रहा हो तो उसके पिछले तीन साल की औसत सालाना आय की दस गुना राशि उस व्यक्ति के परिवार को सरकार की तरफ से मिलेगी. उदाहरण देकर समझाया भी गया है कि अगर तीन साल की औसत सालाना आय 5 लाख रुपए है तो दुर्घटना में मरने वाले शख्स के परिवार को पचास लाख रुपए मिलेंगे. दावा है कि ये सरकारी नियम है लेकिन लोगों को नियम की जानकारी नहीं होने की वजह से सरकार से पैसे नहीं ले पाते. मैसेज के साथ दलील ये है कि अगर मरने वाला शख्स जिंदा रहता तो दस साल में अपने परिवार के लिए अपनी आय से दस गुना पैसा कमाता. इस हिसाब से सरकार दस गुना मुआवजा देगी. दावा तो ये भी है कि अगर लगातार तीन साल तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो ऐसा नहीं है कि परिवार को पैसा नहीं मिलेगा लेकिन ऐसे केस में सरकार एक डेढ़ लाख देकर किनारा कर लेती है. मैसेज के आखिर में लिखा है कि अगर आपको इस मैसेज पर कोई शक है तो आप अपने वकील से पूरी जानकारी ले सकते हैं और रिटर्न जरूर फाइल करें. ये दावा चौंकाने वाला है. क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि सवा सौ करोड़ की आबादी वाले इस देश में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले सिर्फ 3 करोड़ 65 लाख लोग हैं. जबकि इनकम टैक्स भरने वाले 1 करोड़ 25 लाख ही हैं. यानि देश की सिर्फ एक फीसदी आबादी इनकम टैक्स देती है और तीन फीसदी रिटर्न भरती है. इनकम टैक्स आमदनी से कटने वाला टैक्स जबकि रिटर्न का मकसद ज्यादा टैक्स की वापसी या फिर सरकार को ये बताना की आपकी आमदनी कितनी है. रिटर्न फाइल करने का मतलब ये नहीं है कि आप इनकम देते हों. टैक्स के दायरे में न आने वाले भी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. आमतौर पर देखा गया है कि लोग इनकम टैक्स भरने से बचते हैं और किसी ना किसी तरीके से टैक्स चोरी करने की कोशिश करते हैं वो ये मानते हैं कि इनकम टैक्स का पैसा उनके हिस्से का है. पर अब जबकि इनकम टैक्स रिटर्न पर बीमा होने की बात सामने आयी है तो ये लोगों को चौंका रहा है और ना देने वालों को भी क्योंकि पहली बार इनकम टैक्स से जुड़े दस गुना मोटे फायदे का दावा किया जा रहा है. साल 2015 में सिर्फ सड़क दुर्घटना में 1 लाख 46 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. हर रोज 1400 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें 400 लोगों की मौत हो जाती है रोज़ यानि हर घंटे करीब 17 मौतें. दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं भारत में होती हैं. अब मैसेज के सच की तरफ बढ़ते हैं. मैसेज को सही ठहराने के लिए सबसे नीचे सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया जा रहा है. हमने जब उस फैसले की पड़ताल की तो पता चला ये एक सड़क दुर्घटना का मामला है जिसमें ना तो सरकार पार्टी है और ना इनकम टैक्स रिटर्न की कोई बात है. मैसेज का सच जानने के लिए हमने भारत सरकार की आयकर सलाहकार समिति के सदस्य विनोद जैन से बात की. विनोद जैन ने हमें बताया कि ऐसा कोई नियम नहीं है और ना ही ऐसा कोई कानून है जिसके तहत तीन साल तक इनकम टैक्स फाइल करने पर दस गुना मुआवजा मिले. पड़ताल में सामने आया कि ऐसा कोई नियम नहीं है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले के लिए दुर्घटना में मौत पर मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए जो देखें उसे सच ना मानें. एबीपी न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा ये मैसेज झूठा साबित हुआ है.