तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस ने TRS के चार विधायकों की खरीद फरोख्त का खुलासा करने का दावा किया है. पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. साइबराबाद के सीपी स्टीफन रवींद्र ने कहा कि हमें टीआरएस के विधायकों से सूचना मिली थी कि उन्हें पैसे, ठेके और पदों का लालच दिया जा रहा है. हमने फार्म हाउस पर छापा मारा. हम कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे और लालच देने वाले मामले की जांच करेंगे.


पुलिस के मुताबिक, साइबराबाद में केएल विश्वविद्यालय के पास अजीज नगर के एक फार्महाउस से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जब वे दिल्ली से आए. इनके पास से भारी मात्रा में नकदी को जब्त किया गया है. हिरासत में लिए गए लोगों में एक होटल कारोबारी भी शामिल हैं जो कि एक बड़े नेता के करीबी बताए जाते हैं. 


टीआरएस का दावा


तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का दावा है कि बीजेपी ने उनके चार विधायकों को खरीदने की कोशिश की. आरोप है कि बीजेपी की तरफ से टीआरएस विधायक रेगा कांथा राव, गुववाला बलाराजू, बीरम हर्षवर्धन रेड्डी और पायलट रोहित रेड्डी को खरीदने की कोशिश की जा रही थी.


टीआरएस नेता वाई सतीश रेड्डी ने विधायकों की तस्वीर ट्वीट कर कहा कि ये हैं असली हीरो, जिन्होंने बीजेपी की घटिया राजनीति की सूचना दी. मुख्यमंत्री केसीआर की सतर्कता को नमन.



बीजेपी का पलटवार
तेलंगाना बीजेपी ने टीआरएस के आरोपों को खारिज किया है. पार्टी प्रवक्ता रामचंद्र राव ने कहा, ''एक फार्म हाउस से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कार से कुछ पैसे बरामद किए गए हैं. मैं इस मामले में सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि सत्ताधारी टीआरएस का यह राजनीतिक ड्रामा है. भारतीय जनता पार्टी का इस मसले से कोई लेना देना नहीं है.''


टीआरएस ने बीजेपी पर ऐसे समय में विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है जब रापोलू आनंद भास्कर ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया और वह टीआरएस में शामिल हो गए. भास्कर के इस्तीफे से पहले विधान परिषद के पूर्व सभापति स्वामी गौड़ और एक अन्य नेता श्रवण दासोजू बीजेपी छोड़कर टीआरएस का दामन थाम चुके हैं. 


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