बेंगलुरु: मक्कल निधि मय्यम पार्टी के प्रमुख और अभिनेता कमल हासन कोयंबटूर दक्षिण से चुनाव हार गए हैं. उनके सामने बीजेपी से महिला मोर्चा अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन मैदान में थीं, जिन्होंने कमल हासन को काफी कड़ी चुनौती दी. डीएमके-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस नेता मयूरा जयकुमार चुनाव लड़ रहे थे. वहीं, अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम ने AIADMK के पूर्व नेता चैलेंजर आर दुरईसामी को चुना, जो एक उद्योगपति हैं.


इसमें कोई दो राय नहीं कि तमिलनाडु में अभिनेता से नेता बने लोगों को अक्सर मौका दिया जाता रहा है. लेकिन ऐसा लगता है कि फिलहाल यह ट्रेंड बदल गया है. दक्षिण के सुपरस्टार से राजनेता बने कमल हासन को कोयंबटूर दक्षिण में कड़ी चुनावी लड़ाई का सामना करना पड़ा.


बीजेपी कमल हासन को गेस्ट ऑफ कोयंबटूर मान कर ही मैदान में उतरी, जो कि एआईएडीएमके के साथ गठबंधन में थी. यहां से वानती श्रीनिवासन को मैदान में उतारा गया, जो यहां कि लोकल हैं और यही बात वह वोटर्स के सामने भी रखती दिखीं. यहां बीजेपी ने लोकल vs बाहरी का कार्ड खेला.


वानती श्रीनिवासन ने 2016 के विधानसभा चुनावों में 21.57 वोटिंग प्रतिशत के साथ अकेले 33,113 वोट हासिल किए थे और AIADMK के उम्मीदवार अम्मान के. अर्जुनन ने 38.94 प्रतिशत के साथ 59,788 वोट पाकर सीट जीती थी. अन्नाद्रमुक और बीजेपी अब एक चुनावी गठबंधन में थे और श्रीनिवासन का इस गठबंधन का उम्मीदवार होने से उन्हें मजबूती मिली. साल 2016 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मयूरा जयकुमार ने 27.60 वोटिंग प्रतिशत के साथ 42,369 वोट हासिल किए थे और एआईएडीएमके के अम्मान के अर्जुनन से चुनाव हार गए थे.


स्टार होने के कारण कमल के पास भीड़ तो जुटी लेकिन शायद वह वोट में तब्दील नहीं हुई. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कमल फ्लॉप रहे और इस बार भी उनकी पार्टी 0 पर सिमट गई. ऐसे में यह जरूर कह सकते हैं कि एक्टर के तौर पर लोग कमल हासन को देखने तो पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें नेता के तौर पर स्वीकार नहीं कर रहे.


अब आपको बताते हैं कौन हैं वानती श्रीनिवासन?


वानती श्रीनिवासन बीजेपी भारतीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं. 50 वर्षीय वानती श्रीनिवासन तमिलनाडु के कोयंबटूर की रहने वालीं हैं. उनके पति श्रीनिवासन मद्रास हाई कोर्ट के जाने-माने वकील हैं. वह मद्रास हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल रह चुके हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह नेशनल यूथ कमीशन के मेंबर थे. विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश मंत्री भी रह चुके हैं. इस प्रकार वानती श्रीनिवासन का परिवार संघ और बीजेपी के काफी नजदीक है. 


वानती खुद पेशे से वकील हैं. 1987 में वह तमिलनाडु में एबीवीपी की स्टेट ज्वाइंट सेक्रेटरी रहीं. संघ के छात्र संगठन एबीवीपी में कार्य करने के बाद वह बीजेपी की मुख्यधारा की राजनीति में आईं. 2004 से 2009 के बीच महिला मोर्चा की प्रदेश महासचिव बनीं.


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