TMC MP Attack On Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर के हालिया इंटरव्यू में गांधी परिवार को लेकर बयान दिया था. इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने उन पर तीखा हमला किया है. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए कहा है कि क्या जयशंकर को भूलने की बीमारी है. दरअसल, जयशंकर ने कहा था कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस की दिवंगत नेता इंदिरा गांधी ने उनके पिता डॉ. के. सुब्रमण्यम को उनके पद से हटा दिया था. इसके अलावा उन्होंने राजीव गांधी को लेकर भी प्रतिक्रिया दी थी.


इस पूरे मामले पर जवाहर सरकार ने ट्वीट करके कहा, “हैरान करने वाली बात है कि जयशंकर को गांधी परिवार के खिलाफ अपनी नाराजगी की याद लंबे अरसे तक बेहद निष्ठापूर्वक उनकी सेवा करने और उनके राज में सबसे बढ़िया पदों पर नियुक्ति पाने के बाद आ रही है? क्या यह भूलने की बीमारी है या फिर वे विदेश मंत्री के तौर पर मिले अभूतपूर्व प्रमोशन के एवज में बीजेपी की खुशामद कर रहे हैं?”


बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर जवाहर सरकार


जयशंकर की बीबीसी डॉक्यूमेंट्री टिप्पणी का जवाब देते हुए टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने ट्विटर पर लिखा, “जयशंकर कहते हैं कि 2002 के गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी डॉक्युमेंट्री की टाइमिंग एक्सिडेंटल नहीं है, बल्कि यह दूसरे तरीकों की जा रही राजनीति है. सवाल यह है कि क्या इसमें दिखाए गए तथ्य सही हैं या गलत? क्या मोदी प्रशासन उतना मेहरबान नहीं होता, तो हजारों जिंदगियां बचाई जा सकती थीं या नहीं?”






जवाहर सरकार इतने पर ही नहीं रुके. विदेश मंत्री को गुजरात दंगों के मुद्दे पर घेरने के लिए उन्होंने एस जयंशकर के पिता और देश के जानेमाने पूर्व ब्यूरोक्रेट के सुब्रमण्यम के एक पुराने लेख का जिक्र भी कर डाला. जवाहर सरकार ने ट्विटर पर लिखा, “एस जयशंकर के पिता के सुब्रमण्यम ने 2002 के दंगों के बारे में कहा था, गुजरात में धर्म की हत्या हुई है. जो लोग निर्दोष नागरिकों की रक्षा करने में नाकाम रहे, वे अधर्म करने के दोषी हैं. भगवान राम ने…अपने धनुष का इस्तेमाल गुजरात के ‘असुर’ शासकों के खिलाफ किया होता. बेटे का ‘असुरों’ के लिए काम करना शर्म की बात है.”


क्या कहा था जयशंकर ने?


मंगलवार (21 फरवरी) को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि वह नौकरशाहों के परिवार से आते हैं और साल 2019 में अप्रत्याशित रूप से उनके पास केंद्रीय मंत्री बनने का अवसर आया. उन्होंने कहा कि 1980 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता में वापसी करने के तुरंत बाद उनके (जयशंकर) पिता डॉ. के सुब्रह्मण्यम को रक्षा उत्पादन सचिव के पद से हटा दिया था. जयशंकर ने कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान भी उनके पिता को हटाकर एक जूनियर आदमी को कैबिनेट सचिव बनाया गया था. जवाहर सरकार ने एस जयशंकर की इसी बात का जवाब दिया है.





जयशंकर ने कहा, ''मैं सबसे अच्छा विदेश सेवा अधिकारी बनना चाहता था. मेरी नजर में सबसे अच्छे की परिभाषा एक विदेश सचिव के रूप में थी. मेरे घर में भी यही मानना था, इसे दबाव नहीं कहूंगा लेकिन हम सब उस तथ्य से अवगत थे कि मेरे पिता, जो एक नौकरशाह थे, सचिव बन गए थे लेकिन उन्हें सचिव पद से हटा दिया गया था.


उस समय 1979 में जनता पार्टी सरकार में वह संभवत: सबसे कम उम्र के सचिव बने थे. 1980 में वह रक्षा उत्पादन सचिव थे. 1980 में जब इंदिरा गांधी फिर से चुनी गईं तब वह पहले सचिव थे, जिन्हें उन्होंने हटाया था. वह सबसे विद्वान पुरुष थे, रक्षा विभाग में हर कोई यह बता देगा.'' विदेश मंत्री जयशकंर ने कहा कि उनके पिता बहुत ईमानदार व्यक्ति थे. उन्होंने कहा, ''हो सकता है कि इसी कारण समस्या हुई हो, मुझे नहीं पता.''


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