कोलकाता: बंगाल में बीजेपी का विरोध करने पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत का सियासी कनेक्शन सामने आया है. राकेश टिकैत को कोलकाता एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए टीएमसी सांसद डोला सेन पहुंची थीं. इस बात की पुष्टि एक वीडियो से हुई है. डोला सेन ने ये भी कहा कि किसान आंदोलन को टीएमसी का पूरा समर्थन है.

दिल्ली बीजेपी के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा कि राकेश टिकैत की पोल खुल गई है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "टिकैत की खुल गई पोल, टीएमसी सासंद डोला सेना ने कहा टीएमसी मंच पर नहीं आएंगी, लेकिन सब भीड़ का इंतजाम करेंगी."

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने शनिवार को कोलकाता और नंदीग्राम में महापंचायतों को आयोजन किया और लोगों से पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देने का आग्रह किया. नंदीग्राम से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही है. किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख राकेश टिकैत महापंचायत में शामिल होने के लिए शनिवार को बंगाल पहुंचे थे.

राकेश टिकैत ने शहर में और पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ किसानों को संबोधित किया. टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार किसानों और उनके आंदोलन की रीढ़ तोड़ने पर आमादा है. उन्होंने कहा कि यह ‘‘जन-विरोधी’’ सरकार है. शनिवार को उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी को वोट मत देना. अगर उन्हें वोट दिया गया तो वे आपकी जमीन बड़े कॉर्पोरेट्स और उद्योगों को दे देंगे और आपको भूमिहीन बना देंगे. वे आपकी आजीविका दांव पर लगाकर देश के बड़े उद्योगपति समूहों को जमीन सौंप देंगे और आपको खतरे में डाल देंगे.’’

राकेश टिकैत ने बीजेपी को ‘धोखेबाजों की पार्टी’ कहते हुए कहा था, ‘‘हम बीजेपी का विरोध करने वालों और किसानों और गरीबों के साथ खड़े होने वालों के पाले में रहेंगे.’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल में किसान महापंचायत का मतलब राज्य में किसी विशेष गैर-बीजेपी पार्टी को समर्थन देना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां किसी विशेष पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए नहीं आया हूं. हम यहां बंगाल में किसानों की ओर से बीजेपी के खिलाफ लड़ाई शुरू करने के लिए अपील कर रहे हैं.’’

नंदीग्राम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन की यह भूमि केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को एक नई दिशा देगी. दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन पर उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी लंबे समय तक अपना आंदोलन जारी रखने के लिए तैयार हैं क्योंकि उनका उनका मनोबल ऊंचा है.

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