Narada Sting Case: नारदा स्टिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर तृणमूल कांग्रेस नेता नेता मदन मित्रा ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है, नहीं तो चार्जशीट में नाम नहीं होने पर बदनाम किया जाता. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा चार्जशीट में शुभेंदु अधिकारी का नाम नहीं है, क्योंकि वह एक बीजेपी के नेता हैं.


विशेष अदालत ने बंगाल के दो मंत्रियों व तीन अन्य को किया तलब


इससे पहले, एक विशेष अदालत ने नारद स्टिंग टेप मामले में धनशोधन निवारण कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों- सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम के अलावा तीन अन्य को बुधवार को समन जारी करने का आदेश दिया.


सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने आरोपियों को 16 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया. अदालत ने दो मंत्रियों और तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा के अलावा कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलंबित अधिकारी एसएमएच मिर्जा के खिलाफ भी संज्ञान लिया है.


अदालत ने निर्देश दिया कि मुखर्जी, हाकिम और मित्रा को पश्चिम बंगाल विधानसभाध्यक्ष के कार्यालय के माध्यम से समन भेजे जाएं क्योंकि तीनों विधायक हैं. इसके साथ ही अदालत ने निर्देश दिया कि अन्य दो को समन सीधे उनके पते पर भेजा जाए.


क्या है पूरा मामला?


नारद न्यूज के संस्थापक मैथ्यू सैमुअल ने पश्चिम बंगाल में नारद स्टिंग ऑपरेशन चलाया था. सैमुअल ने एक काल्पनिक कंपनी बनायी थी और तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्रियों, सांसदों और नेताओं से मदद के लिए संपर्क किया. उनमें से कई को टीवी फुटेज में पैसे लेते हुए दिखाया गया था. नारद रिश्वत मामले में सीबीआई ने इस साल मई में फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था.


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