Nishikant Dubey On Mahua Moitra: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और अधिवक्ता आनंद देहाद्राई  के खिलाफ टीएमसी की संसद से बर्खास्त सदस्य महुआ मोइत्रा की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में खारिज होने पर निशिकांत दुबे ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा है कि अभी जांच आगे बढ़ने दीजिए, महुआ मोइत्रा का और भी बदरंग पक्ष उजागर होगा.


 न्यूज एजेंसी ANI से खास बातचीत में दुबे ने कहा, “महुआ मोइत्रा ने मेरे और देहाद्राई के खिलाफ मामला दायर किया. दिल्ली HC ने साफ कहा है कि कोई केस ही नहीं था. संसदीय समिति द्वारा मेरी शिकायत सिद्ध होने पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई. उसने पैसे के बदले व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के लिए 50 हवाई यात्राएं कीं.”


'महुआ मोइत्रा को हो सकती है 7 साल तक की सजा'


निशिकांत दुबे ने कहा है, "एफसीआरए उल्लंघन के लिए उन्हें ( महुआ मोइत्रा) 7 साल तक की सजा हो सकती है. जब मामला आगे बढ़ेगा तो सच्चाई की और परतें सामने आएंगी. जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी, महुआ मोइत्रा का बदसूरत पक्ष सामने आएगा."


क्या थी महुआ मोइत्रा की याचिका?


मोइत्रा ने याचिका में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को ऐसी कोई भी सामग्री बनाने, पोस्ट करने, प्रकाशित करने, अपलोड करने, वितरित करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने संसद में प्रश्न पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी. 


वहीं मोइत्रा की याचिका खारिज होने पर वकील जय अनंत देहाद्राई ने कहा कि मैं इसको लेकर ज्यादा उत्साहित तो नहीं हूं, लेकिन मुझे लगता है कि सही हुआ. 


लोकसभा से बर्खास्त की गई हैं महुआ


बता दें कि संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के मामले में महुआ मोइत्रा को संसद से बर्खास्त किया गया है. निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद मामला एथिक्स कमेटी के पास गया था. फिर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर और  कथित अनैतिक आचरण के लिए मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से घूस लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को जोड़ते हुए अदानी समूह के खिलाफ संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे थे.


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