Dalai Lama in Jammu: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा गुरुवार को जम्मू पहुंचे. धर्मशाला से जम्मू दौरे पर पहुंचे तिब्बत के आध्यात्मिक नेता (Tibetan Spiritual Leader) दलाई लामा ने कहा कि वो चीन से आजादी नहीं बल्कि उसके भीतर ही तिब्बत के लिए स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं. दलाई लामा (Dalai Lama) ने कहा कि चीन (China) के ज्यादातर लोगों को यह अहसास है कि वह चीन के भीतर स्वतंत्रता की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि तिब्बती बौद्ध संस्कृति की सार्थक स्वायत्तता और संरक्षण चाहते हैं.
दलाई लामा ने ये भी कहा कि चीन के लोग नहीं, लेकिन कुछ चीनी कट्टरपंथी मुझे अलगाववादी मानते हैं. ज्यादातर चीन के निवासी यह महसूस कर रहे हैं कि दलाई लामा स्वतंत्रता की मांग नहीं कर रहे हैं.
चीन से आजादी पर क्या बोले दलाई लामा?
धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि चीन के भीतर सार्थक स्वायत्तता और तिब्बती बौद्ध संस्कृति को संरक्षित करना चाहते हैं. तिब्बती आध्यात्मिक नेता अपने लद्दाख दौरे पर चीन की आपत्ति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. दलाई लामा ने ये भी कहा कि अधिक से अधिक चीनी तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रति रुचि दिखा रहे हैं.
शुक्रवार को लद्दाख दौरा
तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने आगे कहा कि कुछ चीनी विद्वानों ने महसूस किया है कि तिब्बती बौद्ध धर्म वास्तव में ज्ञान और परंपरा है. ये बहुत ही साइंटिफिक रिलिजन है. बता दें कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं. वो शुक्रवार को लेह का दौरा करेंगे.
करीब 2 साल बाद पहला आधिकारिक दौरा
साल 2020 में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) फैलने के बाद से धर्मशाला (Dharamshala) में अपने बेस के बाहर दलाई लामा (Dalai Lama) का ये पहला आधिकारिक दौरा है. यानी करीब दो साल बाद उनका ये दौरा हो रहा है. इससे पहले दलाईलामा ने 2018 में लद्दाख (Ladakh) में अपना जन्मदिन उत्सव मनाया था. उस दौरान भी ड्रैगन की ओर से भारत के प्रति कड़ी आपत्ति सामने आई थी.
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