अयोध्या: अयोध्या में हर दीपावली से पहले दीपोत्सव में दिए जलाने का रिकॉर्ड बनता है, इस बार फिर ऐसा ही रिकॉर्ड बनने जा रहा है. अयोध्या में इस बार दीपोत्सव में नौ लाख दीये जलेंगे. राम की पैड़ी पर बने मंदिर एक ही रंग में नज़र आएंगे. दीपोत्सव के आयोजन को भव्य बनाने के लिए अवध यूनिवर्सिटी के वालेंटियर छात्र-छात्राएँ एक ही रंग के कपड़ों में नज़र आएंगे. दीपोत्सव का आयोजन तीन नवम्बर को किया जाएगा. 


यह योगी सरकार के कार्यकाल का आखिरी दीपोत्सव है, इसलिए सरकार इसे बहुत ही भव्य तरीके से मनाने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में उसकी पौराणिकता और प्राचीनता के अनुसार दीपोत्सव मनाना शुरू किया था. अब साल दर साल दीपोत्सव की भव्यता बढ़ती जा रही है.


इस बार के दीपोत्सव का 7 से 10 दिन तक आयोजन हो सकता है. इसके साथ ही 3 नवम्बर को होने वाले दीपोत्सव के दिन प्रधानमंत्री के शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं जिसकी तैयारी भी अभी से शुरु हो गई है. जानकारी के मुताबिक  इस बार दीपोत्सव में 500 ड्रोन की मदद से एरियल ड्रोन शो की भी योजना है. एरियल ड्रोन शो में भगवान राम के जीवन पर आधारित आकृतियां आसमान में प्रदर्शित की जाएंगी. 


पिछले साल रामनगरी में आयोजित दिव्य दीपोत्सव में 6,06,569 दीये जलाकर अयोध्या ने ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज कराया था. इस बार अयोध्या अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है. कोविड-19 प्रोटोकॉल को देखते हुए सभी सुरक्षा के मानकों को देखा जाएगा. उसी प्रकार भव्यता के साथ कार्यक्रम होंगे. इस बार भी सारे कार्यक्रम होंगे.


रामलीला के आयोजनों को हरीझंडी
उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी में रामलीला के आयोजनों को हरीझंडी दे दी है. सरकार ने निर्देश दिए हैं कि रामलीला का मंचन खुले मैदान में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए कराया जाए, रामलीला आयोजन की समृद्ध परंपरा रही है. नवरात्रि, दशहरा व दीपावली के पर्व नजदीक हैं. रामलीला कमेटियों की तैयारियां शुरू हो गई हैं. सभी कमेटियों से बातचीत कर उन्हें कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप आयोजन करने के लिए प्रेरित किया जाए. रामलीला मैदान की क्षमता के अनुरूप दर्शकों के शामिल होने की अनुमति दी जाए.


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