The Kerala Story Film: तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने सिनेमा हॉल मालिकों पर 'द केरल स्टोरी' फिल्म न दिखाने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया है. सरकार के मुताबिक, फिल्म में बड़े अभिनेताओं के न होने या दूसरे कारणों से लोग फिल्म नहीं देख रहे थे इसलिए थिएटर वालों ने खुद ही फिल्म हटा दी. 5 मई को रिलीज फिल्म 7 मई को तमिलनाडु के सिनेमाघरों से हट गई थी. निर्माताओं ने इसे सरकारी दबाव बताते हुए याचिका दाखिल की है. 


तमिलनाडु सरकार का कहना है कि फिल्म निर्माताओं ने झूठा बयान दिया है कि राज्य सरकार ने फिल्म की स्क्रीनिंग पर बैन लगाया है. तमिलनाडु सरकार ने दायर अपने हलफनामे में बताया है कि फिल्म डायरेक्टर की ये दलील गलत है कि राज्य में फिल्म दिखाने पर रोक जैसे हालात हैं. इसी के साथ सरकार का कहना है कि राज्य में फिल्म न दिखाने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया है और स्क्रीनिंग भी नहीं रोकी गई है. 


क्या है पूरा मामला?


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट 'द केरल स्टोरी' फिल्म निर्माता की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब देश के दूसरे हिस्सों में फिल्म शांति से चल रही है तो बंगाल और तमिलनाडु में फिल्म पर बैन क्यों लगाया गया है. जिसके जवाब में तमिलनाडु सरकार ने हलफनामा दायर करते हुए कहा कि ये फिल्म 5 मई को 19 मल्टीप्लेक्स में रिलीज की गई है, हमारी तरफ से कोई बैन नहीं लगा है.


तमिलनाडु सरकार ने आगे कहा कि फिल्म में जाने पहचाने कलाकारों के न होने, दर्शकों की संख्या की कमी के चलते सिनेमाघरों के मालिकों ने खुद ही स्क्रीनिंग पर रोक लगाई है. वहीं इसके साथ ही सरकार का यह भी कहना था कि फिल्म न दिखाने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया और न हीं फिल्म की स्क्रीनिंग रोकी गई है, यह फिल्म निर्माताओं का झूठा बयान है. 


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