भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (बाबासाहेब आबंडेकर) की आज 65वीं पुण्यतिथि है. उनका निधन सन्न 1956 में 6 दिसंबर के दिन हुआ था. वो भारती बहुज्ञ, विधिवेता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक के रूप में जाने जाते थे.

बाबासाहेब आंबेडकर ने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया था साथ ही अछूतों से सामाजिक भेदभाव के विरोध में बड़े अभियान की भी शुरुआत की थी. श्रमिकों से लेकर किसान और महिलाओं के अधिकार के वो लड़े भी थे और उनका जमकर समर्थन भी किया था. आंबेडकर ने अपना पूरा जीवन जातिवाद को खत्म करने, गरीबों, दलितों और पछिड़े वर्गों के लिए अर्पित किया था. माना जाता है इस कारण बाबा आंबेदकर की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. 

वहीं, इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंंड, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उपराष्ट्रपति वैंकाया नायडू ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, भारत रत्न बाबासाहेब आम्बेडकर जी ने भारत को एक ऐसा प्रगतिशील व सर्वसमावेशी संविधान दिया जिसने पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधने के साथ-साथ देश के हर नागरिक को अपना जीवन संवार कर देश के विकास में भागीदार बनने की प्रेरणा दी. उनके विचार व आदर्श सदैव हमें प्रेरित करते रहेंगे.

वहीं, राहुल गांधी ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, जब देश में बढ़ता हुआ सामाजिक अन्याय, हिंसा और भेदभाव देखता हूं तो सोचता हूं कि अभी बहुत काम बाकी है. बाबा साहेब का सपना अब भी दूर है लेकिन वहां तक जरूर पहुंचेंगे. 

अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर कहा, समाज के हर पीड़िच और वंचित वर्ग के लिए न्याय और समानता की लंबी लड़ाई लड़ने वाले भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिवार्ण दिवस पर उन्हें कोटि कोटि नमन.

बीएसपी प्रमुख मयावती ने इस मौके पर कहा कि, अंबेडकर ने जीते जी कहा था इन वर्गों के लोगों को सम्मिलित हो केंद्र और राज्य में राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाभी अपने हाथ मे लेनी होगी इसका उदाहरण बीएसपी का 4 बार का शाशन है. बीएसपी ने अम्बेडकर को पूरा सम्मान दिया. उन्होंने आगे कहा कि, देश में ऐसी जातिवादी पार्टियां भी है जो अंबेडकर के खिलाफ रही है पर दिखावटी प्रेम में याद करती है.

बीएसपी से जुड़े करोड़ों लोग केवल उन्हें याद नहीं कर रहे बल्कि पूरे समर्पण के साथ आगे बढ़ने का संकल्प ले रहे हैं. हालांकि, दुख इस बात का है कुछ संगठन अपने निजी स्वार्थ के लिए बाबा साहब के मूमेंट को कमजोर करने में लगे हैं. मयावती ने आगे कहा कि, उत्तराखंड में बेहतर रिजल्ट आयगी और पंजाब में गठबंधन की सरकार बनायेगी. 

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