सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन, CBI के अगले निदेशक का चयन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति के सदस्य आज बैठक करेंगे. इस समिति में प्रधानमंत्री के अलावा विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमना शामिल हैं. सीबीआई प्रमुख के इस पद के लिए देश के वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारियों को लेकर विचार किया जाएगा. 


1984 से 87 के बैच के आईपीएस हैं दौड़ में शामिल


सीबीआई डायरेक्टर के चयन की दौड़ में 1984 से लेकर 1987 की बैच के आईपीएस ऑफिसर शामिल हैं.  इन अधिकारियों में 1984 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईपीएस ऑफिसर और एनआईए के महानिदेशक वाय. सी. मोदी, गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी और बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल राकेश अस्थाना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के हरियाणा कैडर के महानिदेशक एस. एस देसवाल शामिल हैं. इसके अलावा सीबीआई प्रमुख बनने की दौड़ में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी जिनमें उत्तर प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी, केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहरा, रेलवे सुरक्षा बल के डीजी अरुण कुमार और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के डीजी एसके जायसवाल भी शामिल हैं. वैसे सीबीआई डायरेक्टर के पद के लिए 1984 से लेकर 1987 की बैच के करीब 100 से अधिक आईपीएस अधिकारियों पर विचार किया जाएगा.


फिलहाल सबसे सीनियर एडिशनल डॉयरेक्टर संभाल रहे हैं सीबीआई की कमान


ब्यूरो के प्रमुख का चयन वरिष्ठता, उसकी सत्यनिष्ठा और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर उनके अनुभव के आधार पर होगा. जो भी अधिकारी चुना जाएगा, वह अपने चयन की तिथि से लेकर कम से कम आने वाले दो वर्षों तक इस पद पर काबिज रहेगा. आर के शुक्ला सीबीआई डायरेक्टकर के रूप में अपना दो साल का कार्यकाल फरवरी, 2021 में पूरा कर रिटायर हो चुके हैं. इसके बाद से सबसे सीनियर एडिशनल डायरेक्टर होने के कारण प्रवीण सिन्हा कार्यकारी डायरेक्टर के रूप में सीबीआई का कामकाज संभाल रहे हैं.


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