नई दिल्ली: अमेरिका और ईरान के बीच लगातार बढ़ रही तनातनी के बीच पूर्व अफ्रीकी देश केन्या से बड़ी खबर आयी है. केन्या में अमेरिका और केन्या के संयुक्त आर्मी बेस पर हमला हुआ है. विस्फोटक से भरी कार से धमाका किया गया है. आर्मी बेस में अभी भी गोलीबारी जारी है, हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन अल शबाब ने ली है. खबर लिखे जाने के वक्त भी घटना स्थल पर गोलीबारी जारी है.


हमले में कितने लोग मारे गए या जान माल को लेकर क्या नुकसान हुआ है, फिलहाल इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आयी है. बता दें कि अल शबाब वो आतंकी संगठन है जो अल कायदा से जुड़ा हुआ है. अल शबाब केन्या के नजदीक के देश सोमालिया में बेहद सक्रिय संगठन है.


अफ्रीका के अंदर किसी अमेरिकी संस्था पर हमले की बात करें तो यह 22 साल बाद ऐसा हमला हुआ है. इससे पहले साल 1998 में नैरोबी में अमेरिकी दूतावास के पर जो बमबारी हुई थी. इसके बाद यह पहला मौका है जब किसी अमेरिकी बेस पर हमला हुआ है.


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तनाव के बीच ट्रंप की दूसरी चेतावनी- हमले की हिमाकत मत करना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर ईरान को हमला करना करे की सलाह दी है, इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा किया तो जाम अच्छा नहीं होगा. ट्र्ंप ने ट्वीट में लिखा, "उन्होंने हमला किया और हमने उसका जवाब दिया. अगर वो फिर से हमला करेंगे, जो कि मैं उन्हें सलाह देता हूं कि वो ना करें तो हम उन पर और जोरदार हमला करेंगे जैसा अब तक कभी नहीं हुआ.''


ट्रंप की दूसरी चेतावनी- हमले की हिमाकत मत करना, ईरान ने लाल झंडा फहराकर दिया युद्ध का संकेत


ईरान ने लाल झंडा फहराकर दिए युद्ध के संकेत
ट्रंप के इस ट्वीट के बाद दोनों देशों के बीच का तनाव बढ़ना और तय है. एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति हमले की चेतावनी दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर ईरान ने मस्जिद पर लाल झंडा फहराकर युद्ध और बदले का एलान कर दिया है. शिया परंपरा के मुताबिक मस्जिद पर लाल झंडा युद्ध का प्रतीक और बदला लेने का प्रतीक होता है.


दशकों पुराने दुश्मनों की नई रंजिश
दरअसल कई दशकों से एक दूसरे के दुश्मन अमेरिका और ईरान की दुश्मनी नए दशक की शुरूआत में और ज्यादा बढ़ गई है. परसों अमेरिका ने ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी को बगदाद में एयर स्ट्राइक में मौत के घाट उतार दिया था. वहीं ईरान समर्थित संगठन हशद अल शाबी को भी अमेरिका ने कल इराक में निशाना बनाया. जिसके बाद बीती रात अमेरिका के दो ठिकानों पर रॉकेट से हमला किया गया. पहला हमला अमेरिकी दूतावास पर हुआ जबकि दूसरा हमला एयरफोर्स बेस पर किया गया.


बगदाद में अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल हमला, सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने कही थी बदले की बात


दोनों देशों के बीच तनाव बना दुनिया की टेंशन
कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध का संकट गहरा होता जा रहा है. दोनों देश युद्ध के रास्ते पर बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. हालांकि दोनों देश एक दूसरे पर सीधे हमला नहीं कर रहे हैं. एक दूसरे पर हमले के दोनों देशों ने इराक को चुना है.


इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हुए हमले के बाद अमेरिका इराक में लगातार अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है. शनिवार को अमेरिका के 650 सैनिक बगदाद पहुंचे. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अमेरिका तीन से साढ़े तीन हजार सैनिक और इराक भेजेगा.