तेलंगाना के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार (15 अक्टूबर, 2025) को हैदराबाद में कहा कि माओवादी संगठन के सबसे प्रभावशाली रणनीतिकारों में से एक और वरिष्ठ नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल राव का आत्मसमर्पण माओवादी विचारधारा के लिए एक गंभीर झटका है.

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तेलंगाना के मूल निवासी और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्य राव उर्फ भूपति ने सोमवार (13 अक्टूबर, 2025) को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में 60 अन्य कैडरों के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. अधिकारियों की ओर से उसकी गिरफ्तारी के लिए 6 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया था.

भाकपा माओवादी का महासचिव बन सकता था राव

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तेलंगाना पुलिस के अधिकारी ने मंगलवार (14 अक्टूबर, 2025) को कहा कि 21 मई को छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की ओर से नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू के मारे जाने के बाद वेणुगोपाल राव भाकपा (माओवादी) का महासचिव बन सकता था.

अधिकारी ने कहा, ‘वह (वेणुगोपाल) भाकपा (माओवादी) की रीढ़ की हड्डी में से एक था और सामान्य परिस्थितियों में वह इसका महासचिव बन सकता था. लेकिन, बसवराजू की मृत्यु के बाद, वे फिर से संगठित होने और किसी और को महासचिव के रूप में चुनने की स्थिति में नहीं थे.’

अधिकारी के अनुसार, ‘इसी बीच, मतभेद पैदा हुए और उसने इस बात पर जोर दिया कि अब सरकारी बलों से मुकाबला करने का समय नहीं है और कुछ समय के लिए लड़ाई को रोकने का समय आ गया है.’ माओवादी नेता ने कहा था कि प्रतिबंधित संगठन का शीर्ष नेतृत्व सशस्त्र संघर्ष को रोकने और बातचीत करने या अपनी पूरी रणनीति पर फिर से विचार करने के पक्ष में था.

प्रतिबंधित संगठन का दूसरा गुट भी अब हो जाएगा कमजोर- अधिकारी

अधिकारी ने कहा, ‘इतनी वरिष्ठता वाले व्यक्ति का आत्मसमर्पण करना, वह भी स्वास्थ्य या किसी अन्य कारण से नहीं, बल्कि वैचारिक कारणों से - यह पार्टी की विचारधारा और रणनीति की एक बहुत ही स्पष्ट विफलता को दर्शाता है.’ उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि कुछ अन्य लोग हों, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे अब आंदोलन या विचारधारा को बनाए रख पाएंगे. यह माओवादी विचारधारा के लिए एक गंभीर झटका है.’ उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिबंधित संगठन का दूसरा गुट, जो सशस्त्र संघर्ष जारी रखने के पक्ष में है अब और कमजोर हो जाएगा.

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