दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (15 अक्टूबर, 2025) को केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि दिव्यांग लोगों की कार खरीद पर दी जाने वाली GST छूट को अचानक क्यों खत्म किया गया. इस संबंध में भारी उद्योग मंत्रालय ने पिछले हफ्ते बुधवार (8 अक्टूबर, 2025) को नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके खिलाफ ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ ब्लाइंड ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार पर जताई नाराजगी
दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र की कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई. चीफ जस्टिस ने पूछा कि आपने यह फैसला किस आधार पर किया, इसका कोई तर्क है क्या?
जस्टिस गेडेला ने कहा, ‘GST का कोई कारण होना चाहिए. आपने पहले से दी गई छूट क्यों हटा दी? इसे 28 प्रतिशत से घटाकर 18 कर दिया और अब यह सभी के लिए 18 प्रतिशत है. हम नहीं समझ पा रहे कि दिव्यांग लोगों के लिए आपने क्या किया?’
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने लगाया आरोप
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने दलील देते हुए कहा कि पहले वाहन पर GST की दर दिव्यांगों के लिए 18 प्रतिशत थी, जबकि बाकी लोगों के लिए 28 प्रतिशत थी. लेकिन, अब नई नोटिफिकेशन के अनुसार यह दर सभी के लिए 18 प्रतिशत कर दी गई है. इसका मतलब दिव्यांग लोगों को मिलने वाली विशेष छूट अब खत्म हो गई.
दिल्ली हाई कोर्ट ने दी अधिकारियों से मांगा जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने चेतावनी दी कि आप अपने अधिकारियों से खुद जवाब मांगिए, नहीं तो हम उन्हें कोर्ट में लाएंगे. जस्टिस गेडेला ने कहा कि यह एक तरह का भेदभाव है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि यह बताएं कि शारीरिक और दृष्टिहीन दिव्यांग लोगों के लिए GST दर कम क्यों नहीं की जा सकती है? दिल्ली हाई कोर्ट केंद्र सरकार से 17 दिसंबर तक जवाब मांगा है. कोर्ट ने केंद्र से इस मामले में तर्क संगत जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
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