Congress Vs BRS: तेलंगाना में किसानों की कथित आत्महत्या को लेकर राजनीति गरमा गई है. हाल ही में आदिलाबाद जिले में एक किसान की आत्महत्या के बाद बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) और कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है. बीआरएस ने आरोप लगाया है कि पिछले एक साल के कांग्रेस शासन में 402 किसानों की मौत हुई जिसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है.

पूर्व मंत्री और बीआरएस नेता हरीश राव ने कांग्रेस सरकार पर कड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी जिनके बारे में ये दावा किया जाता है कि कर्ज माफी पूरी हो चुकी है. उन्हें आत्महत्या कर रहे किसानों की परेशानियां और मौतें दिखाई नहीं देती. उन्होंने ये भी कहा कि किसानों की आत्महत्याएं सरकारी हत्याएं हैं और मुख्यमंत्री को इस पर जिम्मेदारी लेनी चाहिए. साथ ही उन्होंने मृतक किसानों के परिवारों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग की.

कांग्रेस ने बीआरएस पर किया पलटवार

कांग्रेस पार्टी ने बीआरएस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बीआरएस सरकार के पिछले कार्यकाल में भी किसानों की आत्महत्याएं हुई थीं. कांग्रेस नेता कोटा नीलिमा ने बीआरएस पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए कहा कि बीआरएस सिर्फ राजनीति कर रहा है, जबकि कांग्रेस सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने ये भी कहा कि इस समय किसानों के मुद्दों को हल करने पर ध्यान देना चाहिए न कि राजनीति करने पर.

बीआरएस और कांग्रेस के बीच राजनीतिक मुठभेड़

तेलंगाना में किसानों की आत्महत्या पर चल रही इस बहस ने राज्य की राजनीति को और भी गरमा दिया है. जहां बीआरएस कांग्रेस को किसान विरोधी बता रहा है वहीं कांग्रेस बीआरएस पर किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रही है. ये मुद्दा अब किसानों की कर्ज माफी और सरकार के वादों को लेकर तीव्र राजनीतिक बयानों का केंद्र बन चुका है.

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