पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरह बिहार पुलिस के विवादित चिठ्ठी को फाड़ कर एंग्री यंगमैन बने थे. वहीं अब तेजस्वी पटना में आरजेडी दफ्तर में तेजस्वी सीढ़ी पर चढ़कर एक बैनर टांगते नजर आए.


तेजस्वी यादव ने खुद से आरजेडी कार्यालय के बाहर बैनर लगाया और इस पोस्टर के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई सवाल पूछे. उन्होंने बिहार के गरीबों और श्रमिकों को अपशब्द कहने और उन्हें अपराधी बताने वाले होर्डिंग भी लगाए.


'जगह-जगह लगाएं पोस्टर'


बैनर लगाकर तेजस्वी ने सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि श्रमिकों का अपमान करने वाली इस निर्दयी सरकार के खिलाफ हर गली-मोहल्ले, टोले, पंचायत, प्रखंड और जिलास्तर पर इस अमानवीय चिट्ठी के बैनर, पोस्टर और होर्डिंग लगाकर नीतीश कुमार और सुशील मोदी की गरीबों के प्रति घृणित सोच को उजागर करें.


'गरीबों की मौत पर जश्न मना रही बीजेपी'


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी गरीबों के मौत का जश्न मना रही है. लोग भूख और गोली से मर रहे हैं. जिस तरह से लोग बेरोजगार हैं और ऐसे में जो कल चिट्ठी जारी की गई थी उसका एक-एक शब्द, एक-एक वाक्य सीएम नीतीश के अंतरात्मा की उपज थी. उनका और उनकी पार्टी के दो ही काम हैं एक पीठ में छुरा भोंकना और दूसरे के कंधे पर रख कर बंदूक चलाना.


'सत्ता की भूख मिटाना चाहती बीजेपी'


तेजस्वी ने कहा कि जो इस महामारी में लोग परेशान हैं वो बेरोजगारी, भूख और आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन ऐसे समय में भी बीजेपी के जो लोग हैं वो गरीबों की चिंता ना करके अपनी जो सत्ता की भूख है उसको मिटाना चाहते हैं. वहीं सीएम नीतीश के संबंध में उन्होंने कहा कि जिस काम के लिए जनता ने उनको चुना था और जो जिम्मेदारी दी थी वो उससे भटक गए हैं. वो जनता की नहीं केवल अपनी चिंता कर रहे हैं. इसी विरोध में हम लोग विरोध करेंगे.


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