Teachers Day 2021 in India: भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस दिन छात्र अपने गुरू के लिए कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. एक छात्र के जीवन में उसके शिक्षक की भूमिका बहुत अहम रहती है. भारत में शिक्षक को माता-पिता के बराबर का स्थान भी दिया जाता है. जिस तरह से कुम्हार मिट्टी को बरतन में ढ़ालता है, लोहार लोहे तपा कर कुछ उपयोगी चीज बनाता है ठीक उसी तरह शिक्षक अपने छात्रों के भविष्य का निर्माण करते हैं. छात्र के जीवन में शिक्षक के योगदान का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बिना शिक्षक के छात्र का जीवन पूरा अधूरा रहता है और ऐसे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. आज हम आपको शिक्षक दिवस के मौके पर इसका इतिहास और महत्व के बारें में बताएंगे.


टीचर्स डे का इतिहास


भारत में शिक्षक दिवस भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. दरअसल उन्होंने अपने छात्रों से इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी. भूतपूर्व राष्ट्रपति का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी में हुआ था. जब डॉ.राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने तो उनके कुछ छात्र और दोस्त उनसे मिलने पहुंचे और उनसे अनुरोध किया कि उनका जन्मदिन मनाने की इजाजत दें. तब उन्होंने कहा मेरे जन्मदिन को अलग-अलग मनाने के जगह इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गौरवपूर्ण होगा. उसी वक्त से लेकर आज तक भूतपूर्व राष्ट्रपति राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है.


 शिक्षक दिवस का महत्व


एक छात्र के जीवन में शिक्षक दिवस या टीचर्स के का महत्व बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि शिक्षक छात्र को सही भविष्य और सही रास्ते पर चलना सिखाता है. वह छात्र को अच्छे गलत की समझ सिखाते हैं. ऐसे में छात्र के पास इस दिन शिक्षक के इन परिश्रमों का धन्यवाद करने का मौका होता है. इसलिए यह दिन सभी छात्रों के लिए बेहत खास माना जाता है.


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