Taslima Nasrin: बांग्लादेशी मूल की लेखिका तस्लीमा नसरीन अपने लेखन को लेकर हमेशा से कट्टरपंथियों के निशाने पर रही हैं. उनके लिखे से कट्टरपंथी इतना तिलमिलाए कि उन्हें अपना मुल्क छोड़ना पड़ा. फिलहाल वह भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं. उनकी तुलना कभी-कभी विख्यात लेखक सलमान रुश्दी से भी की जाती है, लेकिन तस्लीमा खुद इस तुलना को गलत मानती हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने इसकी वजह भी बताई है


हाल ही में तस्लीमा नसरीन ने एक मीडिया संस्थान को इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने अपने साथ हुए मेडिकल क्राइम और जिंदगी को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि वह घुटने का इलाज करा रही थीं, लेकिन कूल्हे की हड्डियों को काटकर अलग कर दिया गया. इसके चलते वह बिस्तर पर कैद होकर रह गई हैं.


क्या हुआ था?
तस्लीमा ने बताया कि जनवरी में वह लड़खड़ाकर गिर गई थी जिसके चलते उनके घुटने में चोट आई थी. वह इलाज कराने के लिए गईं, जहां उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी गई. जब ऑपरेशन हुआ तो पता चला कि घुटने की जगह उनके कूल्हे ही हटा दिए गए हैं. 


कट्टरपंथियों दे रहे ये नसीहत
इस घटना के बाद तस्लीमा नसरीन के खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ कट्टरपंथियों ने खुशी भी जताई. तस्लीमा ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बारे में लिखा तो मेरा गलत ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को बधाई दी जाने लगी. कट्टरपंथियों को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी मानते हैं कि उन्हें अल्लाह ने सजा दी है. यही नहीं, उन्हें 'अपने गुनाहों के लिए' माफी मांगने को भी कहा जा रहा है. तस्लीमान नसरीन ने बताया कि उन्हें आज भी कट्टरपंथियों से खतरा रहता है.


सलमान रुश्दी ने माफी मांगी
इस दौरान जब उनके लेखन को लेकर सलमान रुश्दी से तुलना हो गई तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया. तस्लीमा ने कहा कि सलमान रुश्दी और उनके लेखन में कोई समानता नहीं है. उन्होंने सलमान रुश्दी को फिक्शन लेखक बताते हुए कहा कि वह महिला अधिकारों का हिमायती लेखन करती हैं. उन्होंने कहा कि अपने लिखे के लिए उन्होंने कभी माफी नहीं मांगी है, लेकिन सलमान रुश्दी ने माफी मांगी. 


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