शिवगंगा जिले के पोथागड़ी गांव में पक्षी प्रेम की अद्भुत मिसाल देखने को मिली है. यहां एक पक्षी के घोंसले को बचाने के लिए करीब 35 दिनों तक लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा. ये मामला उस वक्त सामने आया जब इलाके में स्ट्रीट लाइट संचालक करुप्पा राजा ने एक पक्षी को मुख्य स्विचबोर्ड के बाहर उड़ते देखा.


राजा ने बताया, “मेरे घर के आगे स्विचबोर्ड से 35 स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन गया है. लॉकडाउन की शुरुआत में मैंने पक्षी को स्विचबोर्ड के इर्द गिर्द उड़ते देखा. कई दिनों तक लाइट चालू करने के दौरान पक्षी तिनका, पत्तियां घोंसले में गिराता रहा. चौथे दिन जब मैंने अंदर झांककर देखा तो घोंसले में अंडे पाए.” उसने गांव के लोगों को व्हाट्सऐप के जरिए सूचित कर अंडे से चूजे निकलने देने तक बिजली चालू नहीं करने की अपील की.


गांव को 35 दिनों तक रहना पड़ा अंधेरे में


कुछ लोगों ने उसकी बात का विरोध किया. एकमत राय होता न देख राजा गांव के पंचायत प्रमुख अरसुनन के पास पहुंचा. अरसुन ने बताया, “युवक के पावर लाइन काटने की बात पर मैं हैरान रह गया. इसलिए खुद देखने को तैयार हुआ. जब मैं मौके पर पहुंचा तो देखा कि पक्षी घास, पत्तिया और तिनका से ठिकाने के लिए घोंसला बनाने का काम पूरा कर चुका था. मैंने लॉकडाउन में बिना घर के सड़कों पर लोगों को संघर्ष करते देखा है. इसलिए मैं नहीं चाहता था कि पक्षी को भी वैसी ही परिस्थिति का सामना करना पड़े. इसलिए पावर लाइन काटने को तैयार हो गया.” इस तरह गांव को करीब 35 दिनों तक बिन बिजली के रहने पड़ा. गांववालों के मुताबिक पक्षियों के घोंसले से निकलने के बाद ही बिजली बहाल होने दी जाएगी.


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