Tamil Nadu News: तमिलनाडु में गांजे और नशीले पदार्थों के बढ़ते चलन को लेकर एक बार फिर गंभीर चिंता जताई गई है. गांजा पीने से रोकने पर चाकू से हमला करने की घटनाओं के बाद पट्टाली मक्कल कच्ची (PMK) के नेता डॉ. अंबुमणि रामदास ने डीएमके सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि राज्य में फैल रही इस खतरनाक नशे की संस्कृति पर सरकार को मूकदर्शक बनकर नहीं बैठना चाहिए.

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गांजा पीने से रोका तो शख्स को चाकू से गोदा

डॉ. अंबुमणि रामदास ने अपने बयान में बताया कि उत्तरी चेन्नई के थंडैयारपेट इलाके में एक बेहद गंभीर घटना सामने आई है. यहां राज कुमार नामक व्यक्ति अपनी कार के पास खड़ा था, तभी वहां पांच लोग खुलेआम गांजा पी रहे थे. जब राज कुमार ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो गांजे के नशे में धुत उन पांचों लोगों ने चाकू से उन पर बेरहमी से हमला कर दिया.

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इस हमले में राज कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें जानलेवा हालत में स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राज कुमार पट्टाली मक्कल कच्ची के मंडल सचिव हैं. डॉ. अंबुमणि ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.

बच्चों में भी बढ़ रहा गांजे का चलन

डॉ. अंबुमणि ने विरुधु नगर जिले की एक और चौंकाने वाली घटना का जिक्र किया. ओंडीपुली नायकनूर इलाके में 15 साल के चार बच्चे गांजा पीते हुए देखे गए. इस बात की जानकारी 11 साल के दो बच्चों ने उन बच्चों के माता-पिता को दी. इससे नाराज और नशे में धुत बच्चों ने उन दोनों मासूम बच्चों को पकड़कर बेरहमी से पीटा.

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. पीएमके नेता ने कहा कि तमिलनाडु में 15 साल के बच्चे भी गांजा पी रहे हैं, यह बेहद डराने वाली स्थिति है. इसका मतलब है कि गांजा और अन्य नशीले पदार्थ पूरे राज्य में तेजी से फैल चुके हैं. उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग सार्वजनिक जगहों पर बेखौफ होकर गांजा पी रहे हैं और जो इसका विरोध करता है, उस पर चाकू से हमला कर दिया जाता है.

डीएमके सरकार पर गंभीर आरोप

डॉ. अंबुमणि रामदास ने आरोप लगाया कि गांजा और अन्य नशीले पदार्थ बच्चों तक आसानी से पहुंच रहे हैं, लेकिन डीएमके सरकार इनके व्यापार को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति के लिए डीएमके सरकार को शर्मिंदा होना चाहिए और तमिलनाडु में हो रही बर्बादी की जिम्मेदारी उसी की है.

उन्होंने मांग की कि नशे की इस खतरनाक संस्कृति को खत्म करने के लिए राज्य सरकार को तुरंत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि तमिलनाडु का भविष्य सुरक्षित रह सके.