डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शनिवार (13 सितंबर, 2025) को कहा कि 'द्रविड़ मुनेत्र कषगम' ऐसा आंदोलन नहीं है, जहां बड़ी संख्या में जुटे लोगों के शोरगुल से सार्वजनिक शांति भंग हो, बल्कि यह ऐसा आंदोलन है, जिसने राज्य की विशिष्ट पहचान को संरक्षित किया है और आधुनिक तमिलनाडु का निर्माण किया है.

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स्टालिन ने अभिनेता-राजनीतिक नेता विजय के आज तिरुचिरापल्ली से शुरू हुए पहले राज्यव्यापी दौरे पर परोक्ष रूप से हमला किया, जहां अभिनेता के उत्साही प्रशंसक उनका स्वागत करने के लिए उमड़ पड़े और कुछ जगहों पर अपने नेता के करीब पहुंचने के लिए सुरक्षा घेरा तोड़ दिया.

स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखा पत्र

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स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता अनुशासित और समर्पित हैं, जो हमेशा रचनात्मक गतिविधियों में रुचि दिखाते हैं. स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे एक पत्र में कहा, ‘द्रमुक ऐसा आंदोलन नहीं है, जो सिद्धांतहीन भीड़ इकट्ठा करता है और जनता को परेशान करता है. द्रमुक ऐसा आंदोलन नहीं है जो शोरगुल करता है और सार्वजनिक जीवन को बाधित करता है.'

‘मुप्पेरुम विझा’ कार्यक्रम में आने की अपील

उन्होंने कहा, 'जब हम इकट्ठा होते हैं तो हम एक अनुशासित बटालियन के रूप में इकट्ठा होते हैं और बैठक के बाद, हम एक मिशन के सैनिकों की तरह तितर-बितर हो जाते हैं.’ स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे 17 सितंबर को करूर में आयोजित होने वाले द्रमुक के वार्षिक ‘मुप्पेरुम विझा’ कार्यक्रम में अवश्य शामिल हों. यह कार्यक्रम तर्कवादी नेता ‘पेरियार’ ई वी रामासामी और पूर्व मुख्यमंत्री सी एन अन्नादुरई की जयंती और द्रमुक के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाएगा.

स्टालिन ने कहा कि मैं खुद को इस महान विरासत का हिस्सा मानता हूं और इसे आगे बढ़ाने में गर्व महसूस करता हूं. डीएमके एक ऐसा गढ़ है जो 75 साल से मजबूत है और कोई भी नया या पुराना विरोधी इसे हिला नहीं सकता.

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