तमिलनाडु में अब स्टालिन युग की शुरुआत हो चुकी है. राज्य में द्रविड़ राजनीति के सबसे बड़े हीरो के तौर पर एम.के.स्टालिन की अगुवाई में डीएके गठबंधन तमिलनाडु में अगली सरकार बनाने जा रही है. जबकि, पहली बार राज्य की राजनीति के दो बड़े दिग्गज जयललिता और एम. करूणानिधि के बिना लड़े गए इस बार के चुनाव में सत्ताधारी एआईएडीएमके को करारी शिकस्त मिली है.


स्टालिन युग की शुरुआत


जाहिर है, राज्य में अब स्टालिन युग की शुरुआत हो चुकी है. तमिलनाडु में द्रविड़ मुन्नेत्र काषगम (डीएमके) के इस शानदार प्रदर्शन के बाद स्टालिन राज्य में एक पॉपुलर नेता के रूप में लोगों के बीच अपनी जगह बना सकते हैं. हालांकि, इस बार के चुनाव में स्टालिन के अलावा और भी कई मुख्यमंत्री के दावेदार के तौर पर उतरे थे, जिनमें एआईएडीएमके के ई. पलानीस्वामी, एएमएमके के टीवीवी दिनाकरण और एमएनएम के कमल हासन थे.


जीत के बाद स्टालिन ने किया जनता का धन्यवाद


पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनने जा रहे द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने रविवार को राज्य के लोगों को उनकी पार्टी को जीत दिलाने को लेकर धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनके लिए ईमानदारी से काम करेंगे. स्टालिन ने उनकी पार्टी को छठी बार तमिलनाडु पर शासन करने का जनादेश देने को लेकर राज्य के सभी लोगों के प्रति ‘हार्दिक धन्यवाद’ प्रकट किया.


 


डीएमके 5 बार कर चुकी है तमिलनाडु पर शासन


अतीत में डीएमके साल 2006-11, 1996-2001, 1989-91, 1971-76 और 1967-71 के दौरान राज्य पर शासन कर चुकी है. स्टालिन ने एक बयान में कहा कि लोगों ने यह अहसास करके अपना भारी जनसमर्थन दिया है कि यदि द्रमुक सत्ता में आयी तो उनका कल्याण सुरक्षित रहेगा.


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