98 फीसद नंबर आने के बाद SC में NEET के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली अनिता ने की खुदकुशी
एबीपी न्यूज़ | 02 Sep 2017 12:32 PM (IST)
इस साल से पहले तमिलनाडु में बारहवीं के नंबर के आधार पर मेडिकल कॉलेज में दाखिला हुआ करता था, लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा नीट में आए नंबर के आधार पर दाखिला लेने का आदेश दिया था
चेन्नई: राष्ट्रीय प्रवेश-योग्यता परीक्षा (नीट) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ने वाली तमिलनाडु की दलित छात्र अनिता ने आत्महत्या कर ली है. अनिता 98 फीसद नंबर आने के बाद भी डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिलने से परेशान थी. खुदकुशी करने इस छात्र के पिता दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर हैं. अनिता डॉक्टर बनना चाहती थी, उसने तमिलनाडु बोर्ड से बारहवीं की परीक्षा पास की थी. अनिता की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने गांव में रोड जाम किया और लड़की की मौत को लेकर अन्नाद्रमुक की अगुवाई वाली राज्य सरकार की निंदा की. दरअसल इस साल से पहले तमिलनाडु में बारहवीं के नंबर के आधार पर मेडिकल कॉलेज में दाखिला हुआ करता था, लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा नीट में आए नंबर के आधार पर दाखिला लेने का आदेश दिया था, इसके खिलाफ अनीता सुप्रीम कोर्ट भी गई थी. तमिलनाडु को राष्ट्रीय प्रवेश-योग्यता परीक्षा (नीट) के दायरे से छूट नहीं दिये जाने के बारे में जानकर अनिता कथित तौर पर परेशान थी. पुलिस ने बताया कि वह इस जिले में एक गांव के अपने घर में फांसी से लटकी हुयी मिली. पुलिस ने बताया कि वह मामले की जांच कर रही है. क्या है पूरा मामला? अनिता को मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में ऐरोनॉटिकल इंजिनियरिंग में ऐडमिशन मिल रहा था, लेकिन उसने दाखिला नहीं लिया. इसी तरह बेंगलुरु इंस्टिट्यूट ऑफ वेटरिनरी साइंस में उसका ऐडमिशन कन्फर्म था, लेकिन वह सिर्फ डॉक्टर बनना चाहती थी. तमिलनाडु ने इस साल राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) से राज्य को बाहर रखने के लिए अधिसूचना जारी की थी. इसके बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि तमिलनाडु की तरफ से हाल ही में जारी अधिसूचना का वह समर्थन नहीं करता है. इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में छह छात्रों ने याचिका दायर की थी. छात्रों ने राज्य सरकार को नीट में मिले अंकों के आधार पर तैयार मेधा सूची के अनुसार काउंसिलिंग शुरू करने का निर्देश देने की मांग की थी. इसके बाद 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में तमिलनाडु सरकार से राज्य में एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों पर नामांकन के लिए नीट मेधा सूची के आधार पर काउंसिलिंग शुरू करने को कहा था. कोर्ट ने राज्य सरकार से चार सितंबर तक प्रक्रिया पूरी करने के लिए भी कहा था.