पैगंबर-ए-इस्लाम (सल्ल.) के खिलाफ बार-बार आपत्तिजनक और भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयानों को लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरा आक्रोश व्याप्त है. निलंबित बीजेपी विधायक राजा सिंह के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और उनकी जमानत रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है.

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चारमीनार के विधायक मिर्जा जुल्फिकार अली के नेतृत्व में सेंट्रल मिलाद प्रोसेसन कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने हैदराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार से मुलाकात कर इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि मुस्लिम समुदाय, पैगंबर-ए-इस्लाम (सल्ल.) के प्रति किसी भी अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा.

मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस

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प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि आरोपी ने बार-बार पैगंबर-ए-इस्लाम (सल्ल.) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, जो विशेष रूप से चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ के लिए प्रतीत होती हैं. इन बयानों ने मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है. तेलंगाना पुलिस से पूछा गया कि 40 से अधिक शिकायतों के बावजूद क्या कार्रवाई की जा रही है.

मांग की गई कि चूंकि आरोपी ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए उनकी जमानत तत्काल रद्द की जाए और गिरफ्तारी हो. आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 295ए, 298, 505(2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामले दर्ज हैं.

राजा सिंह ने दिया पैगंबर-ए-इस्लाम के खिलाफ बयान

ये बयान सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर प्रसारित हो रहे हैं, जो सांप्रदायिक कट्टरता को भड़का रहे हैं. प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि तत्काल कार्रवाई न होने से सांप्रदायिक सौहार्द को और खतरा हो सकता है. यह मामला तब गहराया जब राजा सिंह ने कथित तौर पर पैगंबर-ए-इस्लाम (सल्ल.) के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए. 

इसके बाद तेलंगाना में विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज कीं. ये बयान पहले भी विवादों का कारण बन चुके हैं और मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि यह जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश है.

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