नई दिल्ली: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के गुगली वाले बयान पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने करारा जवाब दिया है. सुषमा स्वराज ने कहा कि उनके इस बयान से पाकिस्तान की पोल खुल गई और इमरान खान ने सिखों का अपमान किया. दरअसल कुरैशी ने कहा था कि भारत करतारपुर मामले में इमरान खान की गुगली में फंस गया.
विदेश मंत्री सुषमा ने ट्वीट कर कहा, ''पाकिस्तान के विदेश मंत्री जी- गुगली वाले आपके बयान ने सिर्फ आपका ही पर्दाफाश किया है. ये दिखाता है कि आपके मन में सिक्खों की भावनाओं के लिए कोई आदर नहीं है. आप सिर्फ गुगली फेंकते हैं. मैं साफ कर दूं कि हम आपकी गुगलियों में नहीं फंसे. हमारे दो सिक्ख मंत्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में प्रार्थना करने गए थे.''
बता दें कि करतारपुर कॉरीडोर के पाकिस्तान में शिलान्यास के मौके पर पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को आमंत्रित किया गया था. सुषमा स्वराज ने अपनी खराब तबीयत और चुनावी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए आने में अमसमर्थता जताई थी. सुषमा स्वराज ने अपने दो मंत्रियों हरसिमरत कौर बादल और एचएस पुरी को भेजा था. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर गलियारे के लिए आधारशिला कार्यक्रम में भारत सरकार की मौजूदगी सुनिश्वित करने के लिए ‘गुगली’ फेंकी.
कुरैशी के बयान से एक दिन पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता की बहाली की संभावना से साफ तौर पर इंकार करते हुये कहा था कि जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को रोक नहीं देता, तब तक बातचीत संभव नहीं है.
क्यों है करतारपुर साहिब खास? पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का पवित्र धार्मिक स्थल है. सिखों के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने जीवन के आखिरी 18 साल यहां गुजारे. करतारपुर में ही नानकदेव जी की मत्यु हुई थी.
यहीं पर सबसे पहले लंगर की शुरूआत हुई थी. नानकदेव जी ने 'नाम जपो, कीरत करो और वंड छको' का सबक दिया था. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गुरुदासपुर में भारतीय सीमा के डेरा साहिब से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है.
करतापुर कॉरिडोर बनने से क्या फायदा होगा ? करतापुर कॉरिडोर बनने से सिखों का 70 साल लंबा इंतजार खत्म होगा. भारत के करोड़ों सिख गुरु नानक की समाधि के दर्शन कर पाएंगे. सिख श्रद्धालुओं को बिना वीजा के पाकिस्तान में एंट्री मिलेगी, सिर्फ टिकट लेना होगा. कॉरिडोर खुलने से भारत-पाकिस्तान के बीच भरोसा बढ़ेगा.