Judge Robin Paul Mogera: 2019 के 'मोदी सरनेम' वाले मानहानि मामले में सजा के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील सुन रहे जज रॉबिन मोगेरा कभी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का मुकदमा लड़ रहे थे, इसलिए वह चर्चा में हैं. रॉबिन मोगेरा गुजरात के सूरत स्थित जिला और सत्र न्यायालय में जज हैं. 


मोगेरा 2006 के तुलसीराम प्रजापति फेक एनकाउंटर केस को हैंडल कर रहे थे. तब अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री हुआ करते थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोगेरा ने 2014 तक शाह का केस लड़ा, जब इसकी सुनवाई मुंबई में सीबीआई अदालत में चल रही थी. मोगेरा 2018 में बतौर जज नियुक्त हुए थे. वह सूरत में 8वें अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश हैं.


इस आएगा राहुल गांधी पर अदालत का फैसला


गुरुवार (13 अप्रैल) को जज मोगेरा ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की मांग करने वाली अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया. अब अदालत 20 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी. इससे पहले न्यायाधीश ने राहुल और शिकायतकर्ता बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी के पक्ष को सुना. 


राहुल गांधी को अदालत ने 23 मार्च को पूर्णेश मोदी की ओर से किए गए मुकदमे में दोषी ठहराया था. शिकायकर्ता ने दावा किया था कि करीब चार साल पहले कर्नाटक के कोलार में एक भाषण के दौरान राहुल गांधी ने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया था. राहुल ने अपने भाषण के दौरान कहा था, ''सभी चोरों के सरनेम मोदी कैसे हो सकते हैं?''


जज हरीश हंसमुखभाई वर्मा ने सुनाई थी राहुल गांधी को सजा


23 मार्च को जज हरीश हंसमुखभाई वर्मा ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी. जज ने कहा था कि राहुल गांधी ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए अपने बयान के जरिये मोदी सरनेम वाले सभी लोगों का अपमान किया है.


कोर्ट से मिली सजा के चलते राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी. इसके बाद राहुल गांधी ने वरिष्ठ वकीलों आरएस चीमा, किरीट पानवाला और तरन्नुम चीमा की एक कानूनी टीम के जरिये सूरत कोर्ट में सजा को चुनौती दी थी.


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