नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के सबसे बड़े अधिकारियों की लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा. सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था. इस मसले को अलग-अलग याचिकाओं के जरिए कोर्ट में रखा गया है.


किन याचिकाओं पर होगी सुनवाई
पहली याचिका सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की है. वर्मा ने खुद को जबरन छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी है. उनका कहना है कि सीबीआई निदेशक का कार्यकाल 2 साल का होता है. उन्हें इससे पहले काम से अलग करना दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधानों के उल्लंघन है. उनका करियर बेदाग है. इस तरह के आरोपों के चलते उन्हें नहीं हटाया जाना चाहिए था.


दूसरी याचिका एनजीओ कॉमन कॉज़ की है. कॉमन कॉज़ ने राकेश अस्थाना और उनकी टीम के अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच के लिए एसआईटी बनाने की मांग की है.


तीसरी याचिका लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की है. खड़गे ने आलोक वर्मा के समर्थन में याचिका दाखिल की है. उन्होंने वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को नियमों के खिलाफ बताया है. खड़गे लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के नाते सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति के सदस्य भी थे.


तमाम याचिकाओं के अलावा एक याचिका राकेश अस्थाना की भी है. उन्होंने भी खुद को छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी है. उन्होंने आलोक वर्मा को पद से हटाने की भी मांग की है.पिछली तारीख को उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी थी. आज कोर्ट उनकी याचिका पर भी सुनवाई कर सकता है.


पिछली सुनवाई का आदेश
26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा और कॉमन कॉज़ की याचिका पर सुनवाई की थी. तब कोर्ट ने कहा था:-




  • केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी सीवीसी वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच 2 हफ्ते में पूरी करे

  • जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ए के पटनायक करेंगे

  • जांच रिपोर्ट देखने के बाद तय किया जाएगा कि क्या और जांच की जरूरत है

  • वर्मा फिलहाल अपने दफ्तर नहीं जा सकते

  • कार्यवाहक निदेशक नागेश्वर राव कोई बड़ा फैसला नहीं लेंगे

  • राव अधिकारियों के ट्रांसफर और दूसरे मसलों पर लिए गए फैसलों की जानकारी कोर्ट को दें. कोर्ट देखेगा कि उनके फैसले सही हैं या नहीं.


कल क्या होगा
कल सुप्रीम कोर्ट सीवीसी की रिपोर्ट देखेगा और तय करेगा कि मामले में और जांच की जरूरत है या आलोक वर्मा को उनके पद पर बहाल किया जा सकता है. कोर्ट ये भी देखेगा कि नागेश्वर राव ने जो फैसले लिए वो सही है या नहीं. कोर्ट ये भी तय कर सकता है कि अस्थाना के ऊपर लगे आरोपों की किस तरह से जांच हो.


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