Chandigarh Mayor polls: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (20 फरवरी) को चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई कथित गड़बड़ी को देखते हुए दोबारा वोटों की गिनती कराने का आदेश दिया. इसके साथ ही वोटिंग के बाद क्रॉस मार्क किए गए बैलेट पेपर को गिनती में शामिल करने का भी आदेश दिया.
अनिल मसीह पर कैसे चलेगा मुकदमा?
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए एक उपयुक्त मामला बनता है. सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देश दिया कि वह उन्हें (अनिल) नोटिस जारी कर कारण पूछे कि क्यों न उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएं.
AAP के पक्ष में गए रद्द किए गए वोट
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने बैलेट पेपर्स की जांच के बाद कहा कि जिन आठ वोटों को अवैध घोषित किया गया था, वे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में आए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पीठासीन अधिकारी (अनिल मसीह) ने जानबूझकर 8 मतपत्रों अमान्य किया. इसलिए हम आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार को विजेता और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का मेयर घोषित करते हैं.
अनिल मसीह ने मत पत्रों से छेड़छाड़ की
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि वह पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द नहीं कर रही है. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अनिल मसीह ने आठ मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की थी. इसके बाद ही अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा चलने की संभावना बढ़ गई है.
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