सुप्रीम कोर्ट अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) घोषित करने के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली शरद पवार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा. जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और  जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच शरद पवार की याचिका पर सुनवाई कर सकती है. इससे पहले 16 फरवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी. 


इससे पहले चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को बड़ा फैसला सुनाया था कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है. आयोग ने अजित के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का चुनाव चिह्न 'घड़ी' भी आवंटित किया था. इससे पहले 16 फरवरी को पवार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने महाराष्ट्र विधानसभा सत्र का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि शरद पवार गुट के विधायकों को व्हिप का सामना करना पड़ सकता है जो महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुट द्वारा जारी किया जा सकता है.


महाराष्ट्र का विधानसभा सत्र 20 फरवरी से शुरू होना है. इससे पहले 15 फरवरी को महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बड़ा फैसला सुनाते हुए अजित पवार गुट को असली NCP करार दिया था. ऐसे में दल-बदल कानून का इस्तेमाल आंतरिक असंतोष को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता है. 


शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस से नाता तोड़कर पी संगमा और तारिक अनवर के साथ मिलकर एनसीपी का गठन किया था. अजित पवार के नेतृत्व में तमाम विधायकों ने पिछले साल जुलाई में शरद पवार के साथ बगावत कर दी थी. वे महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे. चुनाव आयोग ने हाल ही में अजित पवार खेमे को असली एनसीपी बताया. शरद पवार ने चुनाव आयोग के इसी फैसले को चुनौती दी है.