नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर और छह अन्य पत्रकारों को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर रैली हिंसा को लेकर किए गए इनके ट्वीट से संबंधित मामलों में किसी भी एजेंसी की तरफ से गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि दो सप्ताह बाद इस केस की फिर सुनवाई होगी. अगली सनुवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगी रहेगी.


चीफ जस्टिस एसए बोबडे,  जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की तीन जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. शशि थरूर की ओर से दायर की गई याचिका में राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, विनोद के जोस, परेश नाथ, अनंत नाथ और उनके खिलाफ पुलिस केस को खत्म करने की मांग की थी.


कई राज्यों में दर्ज हुए हैं मामले
राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान की मौत पर भ्रामक ट्वीट करने का आरोप लगाते हुए इन सभी पर देशद्रोह सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. इनके खिलाफ पांच राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई हैं.


दिल्ली पुलिस के वकील ने किया था राहत देने का विरोध
सुनावई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किसी भी राहत का विरोध किया. मेहता ने अदालत को में कहा कि "इन ट्वीट्स का गणतंत्र दिवस पर भयानक प्रभाव था." वहीं थरूर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि थरूर दिल्ली में हैं और उन्हें एजेंसियां गिरफ्तार कर सकती हैं.


गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी किसान पुलिस के साथ भिड़ गए थे और हिंसा हुई थी.

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