नई दिल्ली: कठुआ गैंगरेप केस में निचली अदालत की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. मुकदमे को जम्मू-कश्मीर से बाहर ट्रांसफर करने की मांग पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि वो जांच CBI को सौंपने की मांग पर भी सुनवाई करेगा.


पीड़िता के पिता की अर्ज़ी पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में पीड़िता के पिता की अर्ज़ी पर सुनवाई हो रही थी. उन्होंने कठुआ और जम्मू के माहौल को सुनवाई के लिए ने खराब बताते हुए केस चंडीगढ़ ट्रांसफर करने की मांग की है. जिस वक्त उनकी वकील इंदिरा जयसिंह दलीलें रख रही थीं, उसी वक्त आरोपी सांझीराम और विशाल की वकील हरविंदर चौधरी ने उनकी मांग का विरोध शुरू कर दिया.


CBI जांच की मांग
2 आरोपियों की वकील हरविंदर चौधरी ने राज्य पुलिस की जांच में कमियां गिनाते हुए मामला CBI को सौंपने की मांग उठा दी. जनहित याचिकाकर्ता के तौर पर खड़ी वकील अनुजा कपूर ने भी इस मांग का समर्थन किया.


सभी आरोपियों को पक्ष बनाया
इंदिरा जयसिंह ने उनकी मांग पर सुनवाई के ये कहते हुए विरोध किया कि ये लोग इस मामले में पक्ष नहीं हैं. इस पर कुछ और आरोपियों के वकील ने उन्हें पक्ष बनाए बिना केस को ट्रांसफर करने की सुनवाई के विरोध किया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कोई भी फैसला लेने से पहले सभी आरोपियों की दलील सुने. कोर्ट ने इसे मानते हुए सभी 8 आरोपियों को जवाब दाखिल करने की इजाज़त दे दी.


जम्मू-कश्मीर सरकार की दलील
राज्य सरकार के वकील शोएब आलम ने कहा कि केस को चंडीगढ़ ट्रांसफर करने से उसकी सुनवाई में व्यवहारिक दिक्कत आएगी. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आपराधिक कानून बाकी देश से थोड़ा अलग है. उन्होंने राज्य पुलिस की तरफ से की गई जांच का समर्थन करते हुए कहा कि इस जांच की निगरानी जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट कर रहा है.


सुप्रीम कोर्ट का आदेश
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने सभी पक्षों की बातों को नोट किया. कोर्ट ने कहा कि केस को ट्रांसफर करने की मांग पर सुनवाई लंबित है. कुछ पक्ष जांच को CBI को सौंपने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में ये सही होगा कि फिलहाल कठुआ का सेशन्स कोर्ट मामले की सुनवाई न करे. हम सभी पहलुओं पर 7 मई को सुनवाई करेंगे, उससे पहले सभी पक्ष लिखित जवाब दाखिल करें.