Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की गई गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के लिए गुरुवार (01 फरवरी) को तीन जजों की एक विशेष पीठ का गठन किया.


जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ जेल में बंद जेएमएम नेता की याचिका पर शुक्रवार (2 फरवरी) सुबह 10:30 बजे सुनवाई करेगी.


चीफ जस्टिस ने किया विशेष पीठ का गठन


शीर्ष अदालत की अद्यतन वाद सूची के अनुसार, विशेष पीठ का गठन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने किया है. उन्होंने दिन में इस बाबत उस वक्त टिप्पणी की थी, जब वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी ने हेमंत सोरेन की याचिका की सुनवाई के लिए मामले का विशेष उल्लेख किया था.


चीफ जस्टिस ने वकीलों को आश्वस्त किया था कि वह संबंधित याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बुधवार रात गिरफ्तार किए गए हेमंत सोरेन ने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सबसे पहले झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया था.


झारखंड हाईकोर्ट में होने वाली थी सुनवाई


झारखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस चन्द्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी गुरुवार (1 फरवरी) सुबह 10.30 बजे हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करने वाले थे, लेकिन कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि संबंधित याचिका हाईकोर्ट से वापस ले ली जाएगी. इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा था, ‘‘हम इसे कल सूचीबद्ध करेंगे.’’


इस मामले में ईडी ने सात घंटे की मैराथन पूछताछ के बाद बुधवार (31 जनवरी) को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया.


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