Ladakh Hill Council Polls: लद्दाख पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (6 सितंबर) को रद्द कर दिया. लद्दाख पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव 10 सितंबर को होने थे. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.


लद्दाख पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव को लेकर बीते महीने 5 अगस्त को अधिसूचना जारी हुई थी. लद्दाख प्रशासन ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को 'हल' चुनाव चिन्ह देने से मना किया था. हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गलत बताया. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन से 7 दिन में नई अधिसूचना जारी करने को कहा है.


10 सितंबर को होने थे चुनाव


सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख चुनाव आयोग के आदेश को अनुचित बताया और लद्दाख यूटी के चुनाव आयोग पर जुर्माना लगाते हुए एक सप्ताह के भीतर नई अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है. जानकारी के अनुसार शीर्ष अदालत का फैसला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उम्मीदवार को "हल" चुनाव चिह्न देने से इनकार करने को चुनौती देने वाली याचिका की पृष्ठभूमि में आया है.


हल नेशनल कॉन्फ्रेंस का पंजीकृत पार्टी चिन्ह है, लेकिन चुनाव आयोग ने पार्टी को एलएएचडीसी (के) चुनावों के दौरान इसका इस्तेमाल करने से रोक दिया था. लद्दाख प्रशासन ने कहा था कि एनसी समेत कोई भी राज्य दल लद्दाख में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं है और इसलिए वह हल को अपने प्रतीक के रूप में दावा नहीं कर सकता है.


सुप्रीम कोर्ट में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दी मामले को चुनौती


एनसी ने इस आधार पर आदेश को चुनौती दी थी कि कारगिल की पहाड़ी विकास परिषद में पदाधिकारी के रूप में, पार्टी पहले से उसके लिए आरक्षित प्रतीक पर चुनाव लड़ना चाहती थी. एलएएचडीसी-कारगिल की 26 सीटों के लिए हुए चुनाव में अब तक 89 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें भाजपा के 17, आम आदमी पार्टी (आप) के चार, कांग्रेस के 21 और 47 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं. एनसी को अपने चुनाव चिह्न का उपयोग करने की अनुमति नहीं थी, इसलिए पार्टी के 17 उम्मीदवार स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे.


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