नई दिल्ली: एयरसेल-मैक्सिस केस के जांच अधिकारी राजेश्वर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को उनके खिलाफ जांच जारी रखने की इजाज़त दी है. साथ ही ये भी कहा है कि सरकार ये तय करे कि अब एयरसेल-मैक्सिस केस की जांच में उनकी जरूरत है या नहीं.


क्या है मामला


7 साल से 2जी केस की जांच कर रहे ED अधिकारी राजेश्वर सिंह पर कई बार आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे. लेकिन उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसा जांच को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है. पिछले साल नवंबर में कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि उनके खिलाफ आई शिकायतों पर कोई कार्रवाई न की जाए.


पिछले महीने रजनीश कपूर नाम के शख्स ने एक नई याचिका दाखिल की. इसमें राजेश्वर पर फिर आरोप लगाए गए. राजेश्वर ने कोर्ट में रजनीश कपूर के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की. कहा कि शिकायतकर्ता का मकसद कोर्ट के आदेश पर हो रही जांच में रुकावट डालना है.


आज क्या हुआ


आज सरकार ने एक सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बिक्रमजीत बनर्जी ने कोर्ट से कहा, "कुछ गंभीर बातें हैं. हम जांच करना चाहते हैं. लेकिन कोर्ट का आदेश इसके आड़े आ रहा है."


रिपोर्ट पढ़ के चौंके जज


जस्टिस अरुण मिश्रा और संजय किशन कॉल ने रिपोर्ट को देखा. करीब 5 मिनट तक दोनों जज इस पर चर्चा करते रहे. आखिरकार, जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, "इस रिपोर्ट में लिखी गई बातें बहुत संवेदनशील हैं. इन्हें अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है."


राजेश्वर के वकील का बचाव


ED अधिकारी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील आर एस सूरी ने कहा, "सब कुछ योजनाबद्ध लग रहा है. मेरे मुवक्किल सभी आरोपों का जवाब देने को तैयार हैं. जज उनसे बंद कमरे में बातचीत करें." बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी राजेश्वर को ईमानदार बताते हुए दलीलें दीं.


कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा


जजों ने राजेश्वर और रजनीश कपूर के वकीलों को चुप कराते हुए कहा, "आप इस रिपोर्ट में लिखी गई बातों की गंभीरता से वाकिफ नहीं हैं. हम 2 बजे मामले पर आदेश देंगे" जजों ने कोर्ट में मौजूद राजेश्वर सिंह से कहा, "आप इस कोर्ट के मातहत काम कर रहे हैं. आप पर सही या गलत जैसे भी हों, आरोप हैं. क्या आप का जांच करते रहना ठीक रहेगा? हम पूर्ण संरक्षण नहीं दे सकते."


कोर्ट का आदेश


दोपहर 2.10 पर जजों ने फैसला दिया. उन्होंने कहा, "हमारा आदेश जांच अधिकारी के खिलाफ दाखिल याचिका में लगाए गए आरोपों पर नहीं है. लेकिन सरकार ने जो रिपोर्ट हमें सौंपी है, वो बहुत गंभीर है. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि सरकार इन पहलुओं पर जांच जारी रखने को स्वतंत्र है."


कोर्ट ने कहा, "एयरसेल-मैक्सिस केस में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. अब सरकार ये तय करे कि इस मामले की जांच में इस अधिकारी की ज़रूरत है या नहीं. हम सरकार के इस आश्वासन को नोट कर रहे हैं कि हमारे पुराने आदेश के मुताबिक जांच को सही समय पर पूरा कर लिया जाएगा. किसी भी दोषी को रियायत नहीं दी जाएगी."