नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा अपना कार्यकाल पूरा कर सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पिछले साल दिए गए 1 साल के सेवा विस्तार को रद्द करने से मना कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है सेवा विस्तार का सरकार को अधिकार है. लेकिन यह बहुत ज़रूरी परिस्थितियों में सीमित समय के लिए होना चाहिए. जजों ने  सरकार से कहा है कि वह मिश्रा को इसके आगे सेवा विस्तार न दे.


संजय कुमार मिश्रा को एक साल का सेवा विस्तार दिए जाने को एनजीओ कॉमन कॉज ने चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि मिश्रा मई 2020 में रिटायरमेंट की उम्र पार कर चुके थे. लेकिन ED निदेशक के पद पर 2 साल की नियुक्ति के चलते उन्हें 19 नवंबर, 2020 तक पद पर रहना था. यह समय पूरा होने से पहले सरकार ने अक्टूबर में उनके कार्यकाल को बढ़ा कर 3 साल करने वाला आदेश जारी कर दिया. इस तरह रिटायरमेंट की उम्र के डेढ़ साल बाद तक वह पद पर बने रहेंगे.


सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए याचिका खारिज करने की मांग की थी. सरकार ने दलील दी थी कि नियमों में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि ED निदेशक का कार्यकाल 3 साल या उससे अधिक नहीं हो सकता. मिश्रा को सेवा विस्तार देने का फैसला बहुत सोच कर लिया गया है. उनके पद से हटने से कई संवेदनशील मामलों की जांच पर असर पड़ता.


आज दिए फैसले में जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने माना है कि केंद्र सरकार को प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख को सेवा विस्तार देने का अधिकार है. लेकिन ऐसा बहुत ज़रूरी होने पर ही किया जाना चाहिए. इस तरह का सेवा विस्तार बहुत लंबी अवधि का नहीं हो सकता. चूंकि ED निदेशक का कार्यकाल 2 महीने का ही बचा है. इसलिए, उन्हें पद पर बने रहने दिया जाए. लेकिन इसके आगे उन्हें दोबारा सेवा विस्तार न मिले.


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