Tripura Municipal Election: सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में 25 नवंबर से होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव को टालने से इंकार कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक हिंसा का हवाला देते हुए चुनावों को टालने की मांग की थी. टीएमसी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना ज़रूरी नहीं है. उन्होंने आदेश दिया है कि डीजीपी राज्य में उपलब्ध केंद्रीय बलों के साथ बैठक करें. प्रचार, मतदान और मतगणना में सुरक्षा सुनिश्चित करें.


टीएमसी के वकील जयदीप गुप्ता ने कोर्ट से कहा, "तस्वीरों से साफ है कि पुलिस मूकदर्शक है" त्रिपुरा के लिए महेश जेठमलानी पेश हुए थे. उन्होंने कहा कि 25 को मतदान से पहले अचानक याचिका दाखिल हुई. उद्देश्य राजनीतिक है. पुलिस उपद्रवियों पर ज़रूरी कार्रवाई कर रही है.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम चुनाव टालने की मांग पर विचार नहीं कर रहे. बस बताइए कि आज से मतगणना की तारीख, 28 नवंबर तक आप क्या करेंगे? कोर्ट ने पूछा कि वहां सुरक्षा का प्रभारी कौन है? क्या वहां केंद्रीय बल भी मौजूद हैं? क्या CRPF भी है वहां? इस पर जेठमलानी ने कहा कि जी, CAPF भी है.


11 नवंबर को कोर्ट ने दिया था ये निर्देश


शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को त्रिपुरा सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों के लिए टीएमसी सहित किसा भी राजनीतिक दल को कानून के अनुसार चुनावी अधिकारों का इस्तेमाल करने और शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित रूप से प्रचार करने से नहीं रोका जाएगा.


शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को नगर निगम चुनावों में राजनीतिक भागीदारी के निर्बाध अधिकार के लिए कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया था.


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