Supreme Court: वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card) और आधार कार्ड (Aadhar Card) को आपस में लिंक (Link) किए जाने के खिलाफ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Surjewala) की याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर करने की सलाह दी. उन्होंने कहा- यह विषय सुनने में हाई कोर्ट सक्षम है. इसके बाद सुरजेवाला ने याचिका वापस ले ली.


सुरजेवाला की याचिका में 19 जून को जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी गई थी जिसमें मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने की अनुमति दी गई थी. कांग्रेस नेता ने निर्वाचन कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 की धारा 4 और 5 को असंवैधानिक करार देने की मांग की थी. इन्हीं धाराओं में वोटर आईडी और आधार को लिंक करने का प्रावधान है.


आधार सिस्टम में लोगों की निजी जानकारियां भी मौजूद- सुरजेवाला


केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा था कि इसका उद्देश्य फर्जी मतदाताओं और एक ही व्यक्ति के 1 से अधिक मतदाता पहचान पत्र रखने पर नियंत्रण करना है. लेकिन सुरजेवाला की याचिका में कहा गया है कि आधार सिस्टम में लोगों की निजी जानकारियां भी मौजूद हैं. मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ना नागरिकों के निजता के अधिकार का हनन होगा.


दलील से नहीं हुए जज आश्वस्त


कांग्रेस नेता की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और ए एस बोपन्ना की बेंच के सामने पेश हुए. बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह देते हुए कहा कि कानून में किए गए इस बदलाव को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाई कोर्ट में भी रखा जा सकता है. इस पर सिंघवी ने कहा कि इस मामले का असर पूरे देश पर होगा. जल्द ही 3 राज्यों में चुनाव भी होने हैं. लेकिन जज इस दलील से आश्वस्त नहीं हुए. उन्होंने कहा कि पहले हाई कोर्ट में ही यह मामला रखा जाना चाहिए. अगर यह विषय एक से ज़्यादा हाई कोर्ट में लंबित होगा तो केंद्र सरकार उन्हें एक साथ ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दे सकती है.


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