Manish Gupta murder case: उत्तर प्रदेश में व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या की सीबीआई जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. कानपुर के रहने वाले मनीष की गोरखपुर में पुलिस की पिटाई के चलते मौत हुई थी. उनकी पत्नी की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि SIT की तरफ से की जा रही जांच असंतोषजनक है. राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. लेकिन अब तक एजेंसी ने जांच शुरू नहीं की है.


आज क्या हुआ?


मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की तरफ से वकील अमित जॉर्ज ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और बी वी नागरत्ना की बेंच में दलील रखी. उन्होंने जजों को बताया कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ घोषणा नहीं की थी. यूपी सरकार ने औपचारिक रूप से सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी. 36 साल के व्यापारी की हत्या की गई है. 4 साल के बच्चे को अनाथ कर दिया गया है. लेकिन जांच में कोई ठोस प्रगति नहीं हो रही है. SIT ने अब तक क्राइम सीन रिक्रिएट भी नहीं किया है.


कोर्ट ने जारी किया नोटिस


सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने थोड़ी देर तक दलीलें सुनने के बाद मामले पर नोटिस जारी कर दिया. कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है. 12 नवंबर को मामले पर अगली सुनवाई होगी. बता दें कि यूपी सरकार ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया. 1 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश भी की.


क्या है मामला?


27 सितंबर की रात गोरखपुर के रामगढ़ताल के इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव समेत 7-8 पुलिसकर्मी होटल कृष्णा पैलेस के कमरे नंबर 512 में पहुंचे. वहां मनीष गुप्ता अपने 2 दोस्तों के साथ रुके थे. पुलिस ने उनसे पहचान पत्र मांगा. पहचान पत्र देखने के बाद सामान की तलाशी की बात कही. मनीष की तरफ़ से सवाल पूछने पर पुलिस के लोग भड़क गए और तीनों की पिटाई शुरू कर दी. इसी दौरान चोट लगने के चलते मनीष की मौत हो गई थी.


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