Abbas Ansari Gets Bail: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (18 मार्च) को बड़ी राहत दी है. हथियार के लाइसेंस से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने उसे जमानत दे दी. अब्बास अंसारी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. फरवरी के महीने में अदालत ने सुनवाई करते हुए इस मामले को 18 मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दिया था.






अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा, “साल 2015 में लाइसेंस के आयात के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया गया था और विभाग इसे जारी करता है. एफआईआर में जिस घटना का जिक्र किया गया है, उस समय तो अब्बास पैदा ही नहीं हुआ था. वहीं जो दूसरी एफआईआर दर्ज है, उस समय तो अब्बास की उम्र महज 6 साल थी.” भले ही इस मामले में मुख्तार के बेटे को जमानत मिल गई हो लेकिन वो जेल से बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि उसके खिलाफ कई और मामले भी दर्ज हैं. 


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दी जमानत याचिका


इससे पहले फरवरी के महीने में जस्टिस वीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अब्बास अंसारी के वकील की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी. साल 2022 में इलाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने हथियार लाइसेंस के मामले में अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 


एफआईआर में फेसम शूटर होने का किया था दावा


दरअसल, 12 अक्टूबर 2019 को अब्बास अंसारी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें अंसारी के ऊपर फेमस शूटर होने का दावा करके लाइसेंस पर कई हथियार खरीदने का आरोप लगाया गया. आरोप था कि शूटिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के बहाने उसने कई विदेशी हथियार खरीदे.  यूपी पुलिस ने आरोप लगाया था कि जिस समय अब्बास अंसारी दिल्ली से लखनऊ में शिफ्ट हुआ तब सरकारी अथॉरिटी को जानकारी नहीं दी. उसने दो लाइसेंस हासिल किए लेकिन इसकी जानकारी अथॉरिटी को नहीं दी गई. 


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