Suvendu Adhikari: बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज करना चाह रही पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने को कहा है. राज्य सरकार का कहना था कि हाई कोर्ट की एक बेंच ने सुभेंदु पर कोई भी एफआईआर दर्ज करने पर रोक लगा रखी है. पुलिस आसनसोल में एक कार्यक्रम में मची भगदड़ में 3 लोगों की मौत पर FIR दर्ज करना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट ने मामला सुनने से मना करते हुए कहा कि हाई कोर्ट के आदेश में संशोधन का अनुरोध वहीं रखिए.


बता दें कि घटना 14 दिसंबर को एक कंबल वितरण कार्यक्रम में हुई थी, जिसमें शुभेंदु अधिकारी ने हिस्सा लिया था. वहां भीड़भाड़ के कारण हुई भगदड़ में कतिथ तौर पर तीन लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले, कलकत्ता हाई कोर्ट ने अधिकारी के खिलाफ दर्ज 17 से अधिक एफआईआर पर रोक लगा दी थी और एक आदेश पारित कर राज्य को उनके खिलाफ नई एफआईआर दर्ज करने से रोक दिया था.


सरकार ने HC में क्यों नहीं की मांग?


हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य पुलिस कोर्ट की अनुमति के बिना अधिकारी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं करेगी. वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर पूर्ण रोक लगाने वाले हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायिक कार्य के लिए पोर्ट ब्लेयर में थे. उसी के कारण, बंगाल सरकार आदेश में संशोधन की मांग नहीं कर सकी और एफआईआर दर्ज नहीं होने के कारण मौतों की जांच भी नहीं हो सकी.


भगदड़ में 3 की मौत, कई घायल


गौरतलब है कि 14 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के आसनसोल में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भगदड़ मच गई. इस दौरान कथित तौर पर कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई. घटना में कथित तौर पर कई लोग घायल भी हुए. सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. मृतकों में एक नाबालिग लड़की और दो महिलाएं शामिल बताई जा रही हैं.


5000 लोगों को बांटने थे कंबल


नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कुछ कंबल बांटकर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जो कुछ देर सुचारू रूप से चला. बीजेपी की योजना पांच शिविरों में 5,000 लोगों को कंबल बांटने की थी. शुभेंदु अधिकारी के इस कार्यक्रम में से जाने के बाद कंबल लेने के लिए जमा हुई भीड़ के कारण कथित भगदड़ मच गई थी.


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