स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया में अतिरिक्त काम का दबाव होने की शिकायत कर रहे बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने खास निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने गरुवार (4 दिसंबर, 2025) को राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि ज्यादा संख्या में कर्मचारी चुनाव आयोग को दिए जाएं ताकि उन पर काम का ज्यादा दबाव न पड़े.

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सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश तमिलनाडु की पार्टी टीवीके के आवेदन को सुनते हुए दिया. कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार जहां जरूरत हो वहां ज्यादा संख्या में कर्मचारियों को SIR के लिए चुनाव आयोग को दे. इससे कर्मचारियों पर काम का दबाव घटेगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन लोगों को व्यक्तिगत कारण से SIR का काम करने में समस्या आ रही है, उनके आवेदन पर सक्षम अधिकारी विचार करें और हर मामले के तथ्यों के हिसाब से निर्णय हो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी को कोई विशिष्ट राहत चाहिए तो वह कोर्ट आ सकता है.

कोर्ट ने कहा कि SIR चुनाव से जुड़ा आवश्यक काम है. सरकारी कर्मचारियों को इसे करना ही होगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार ने लगभग एक लाख 30 हजार कर्मचारी दिए हैं, तो और 30-40 हजार कर्मचारी उपलब्ध करवाने में क्या समस्या है. कोर्ट ने काम में कोताही बरतने वाले BLO पर FIR दर्ज करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा पहले भी होता रहा है. इस तरह की प्रक्रिया को एक समय सीमा में पूरा करना जरूरी है.

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देशभर में चल रहे वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर कई राज्यों में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) ने काम के प्रेशर की शिकायत की है. पश्चिम बंगाल में बीएलओ अधिकारियों ने इसे लेकर प्रदर्शन भी किए हैं और यूपी के मुरादाबाद में एक बीएलओ अधिकारी के सुसाइड का मामला भी सामने आया है. बीएलओ ने सुसाइड नोट में भी इस बात का जिक्र किया कि उन पर काम का प्रेशर है. 

 

(निपुण सहगल के इनपुट के साथ)

 

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