Supreme Court News: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की जमानत याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट में काफी समय से लंबित होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाखुशी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) से अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर एक हफ्ते के भीतर सुनवाई करने और उस पर तेजी से फैसला करने को कहा है. अवैध उगाही के मामले में पिछले साल 2 नवंबर को गिरफ्तार किए गए अनिल देशमुख की जमानत याचिका लगभग 8 महीनों से हाई कोर्ट में लंबित है. 


सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा देशमुख की जमानत याचिका पर फैसला नहीं करने और उसे लंबित रखने पर नाराजगी व्यक्त की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत के आवेदनों को आठ महीने तक लंबित रखना जमानत के न्यायशास्त्र के अनुरूप नहीं है.


क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?


शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसने जमानत की अर्जी दाखिल की है, उसकी वैध उम्मीद है कि उसकी याचिका का जल्द से जल्द निपटारा किया जाएगा. जमानत के लिए एक आवेदन को लंबित रखना अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार के अनुरूप नहीं है. पीठ ने आगे स्पष्ट किया कि उन्होंने मामले की मेरिट पर कोई राय व्यक्त नहीं की है. 


नवंबर 2021 में ईडी ने किया था गिरफ्तार


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पीठ ने कहा कि अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की जमानत याचिका 21 मार्च से उच्च न्यायालय में लंबित है. हम एक निर्देश जारी करते हैं और याचिकाकर्ता को उन न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की अनुमति देते हैं जिन्हें कल मामला सौंपा गया है. आवेदन इस सप्ताह के दौरान सुनवाई के लिए लिया जाना चाहिए और शीघ्रता से निर्णय लिया जाए. हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एनजे जमादार पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं, जिन्हें नवंबर 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं. 


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