गंभीर रूप से बीमार गाजियाबाद के हरीश राणा पर सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से रिपोर्ट मांगी है. हरीश के माता-पिता ने कोर्ट से उन्हें पैसिव युथनेसिया (इच्छा मृत्यु) देने की मांग की है. इस प्रक्रिया में मरीज को जीवित रखने वाले उपचार को रोक कर उसे मरने दिया जाता है.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के जिला हस्पताल से 31 वर्षीय हरीश पर रिपोर्ट मांगी थी. जिला हस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी हालत बहुत बुरी है. उसके स्वस्थ होने की संभावना न के बराबर है. लगातार बिस्तर पर रहने के चलते उसके शरीर पर बेड शोर (घाव) हो गए हैं. वह अपार कष्ट में है.

इस रिपोर्ट को देखने के बाद जस्टिस जे बी पारडीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, 'उसे ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता. हमें कुछ करना होगा.' इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली के एम्स को मेडिकल टेडम बना कर बुधवार, 17 दिसंबर तक रिपोर्ट देने को कहा. 18 दिसंबर को मामले की सुनवाई होगी.

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चंडीगढ़ में रह कर पढ़ाई कर रहे हरीश 2013 में अपने पेइंग गेस्ट हॉस्टल की चौथी मंजिल से गिर गए थे. इससे उनके सिर में गंभीर चोटें आईं. उसके बाद से वह लगातार बिस्तर पर हैं. उनकी स्थिति 100 प्रतिशत दिव्यांगता की है. उनका जीवन वेंटिलेटर पर होने के चलते ही अब तक चल रहा है. बेटे के ठीक होने की उम्मीद छोड़ चुके माता-पिता अब चाहते हैं कि उसे पैसिव युथनेसिया दे दिया जाए.

 

 

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