हाल ही में कई एयरपोर्टों पर यात्रियों की भारी भीड़, फ्लाइट देरी और Indigo के फ्लाइट कैंसिलेशन जैसी घटनाओं के बाद DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने निरीक्षण प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक सख्त बना दिया है. नए आदेश के तहत अब देश के हर प्रमुख एयरपोर्ट पर निरीक्षण टीमों को पहुंचते ही कम से कम एक घंटे का ऑन-स्पॉट चेक करना होगा. यह चेक रूटीन निरीक्षण से अलग होगा और अचानक की जाने वाली जांच भी इसमें शामिल होगी. DGCA के इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एयरपोर्ट प्रबंधन, सुरक्षा प्रक्रियाएं और यात्रियों की सुविधा से जुड़े सभी मानक तुरंत और पारदर्शी तरीके से लागू हों.

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निरीक्षण टीम किन-किन क्षेत्रों की जांच करेगी?

नए दिशानिर्देशों में DGCA ने साफ कर दिया है कि निरीक्षण टीम केवल सतही जांच नहीं करेगी, बल्कि एयरपोर्ट संचालन से जुड़े हर महत्वपूर्ण तत्व को मौके पर ही परखेगी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बाते हैं, जो इस प्रकार हैं:

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  • पायलटों, इंजीनियरों, ATC स्टाफ और ग्राउंड कर्मचारियों के लाइसेंस की ताजा स्थिति की जांच.
  • पायलटों की ट्रेनिंग रिपोर्ट और ड्यूटी रोस्टर का सत्यापन.
  • नियमों के अनुसार स्टाफ की उपस्थिति पर्याप्त है या नहीं, इसका भी निरीक्षण किया जाएगा.

सुरक्षा के नजरिए से सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम, ग्राउंड हैंडलिंग, बैगेज प्रोसेसिंग, रैम्प गतिविधियां और फ्यूलिंग प्रक्रियाएं भी टीम की प्राथमिक जांच सूची का हिस्सा होंगी. वहीं उपकरणों, वाहनों और संबंधित मशीनरी की उपलब्धता और कार्यशील स्थिति को भी मौके पर परखा जाएगा.

यात्रियों के लिए बनी सुविधाओं—जैसे कतारों की लंबाई, फ्लाइट स्टेटस अपडेट, देरी या रद्द होने पर सूचना प्रणाली, पानी, शौचालय, हेल्पडेस्क और शिकायत निवारण की व्यवस्था पर भी विशेष नजर रखी जाएगी. यात्रियों की असुविधा अब निरीक्षण का एक अहम हिस्सा होगी.

DGCA ने टीम को दिए तुरंत सुधार के अधिकार

नए आदेश में DGCA ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निरीक्षण टीम केवल रिपोर्ट दर्ज करने तक सीमित नहीं रहेगी. अगर मौके पर कोई खामी मिलती है तो टीम को अधिकार होगा कि वह उसी क्षण सुधार के आदेश जारी करे. ऐसे सभी आदेशों को 24 घंटे के भीतर DGCA मुख्यालय को रिपोर्ट करना अनिवार्य है. इसके अलावा, पूरी निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर जमा की जाएगी. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि समस्या केवल रिपोर्ट में न रह जाए, बल्कि तत्काल सुधार हो और एयरपोर्ट संचालन सामान्य हो सके.

नॉन-कंप्लायंस पर DGCA की सख्त कार्रवाई तय

नए निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई एयरपोर्ट DGCA के आदेशों का पालन नहीं करता या निरीक्षण में पाई गई कमियों को समय पर दूर करने में विफल रहता है तो एजेंसी अपनी Enforcement Policy के तहत सीधे कार्रवाई करेगी. इसमें आर्थिक दंड, संचालन प्रतिबंध और लाइसेंस से जुड़े कदम भी शामिल हो सकते हैं.

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