Arindam Bagchi On Sudan Crisis: सूडान में सेना और पैरामिलिट्री के बीच भीषण युद्ध हो रहा है. इसमें सैकड़ों जानें जा चुकी हैं और कई हजार लोग घायल हुए हैं. इन हालातों में भारतीय भी वहां फंसे हुए हैं. सूडान में संकट पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हालात बहुत ही नाजुक हैं, लेकिन इस पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं.


उन्होंने कहा, “सूडान की राजधानी में भारतीय दूतावास एयरपोर्ट के बहुत करीब है. उस इलाके में भयंकर लड़ाई चल रही है. फिलहाल वहां कोई नहीं है. दूतावास कर्मी अन्य सुरक्षित स्थानों से काम कर रहे हैं. अभी जमीनी स्थिति के बारे में बताना मुश्किल है. जब वहां जाएंगे तो यह जानकारी पुख़्ता होगी.”  इसके साथ ही भारत ने यमन के सेना में हुई भगदड़ के दौरान मारे गए लोगों के लिए शोक जताया है और घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद जताई है.


‘एक भारतीय की हुई मौत’


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने आगे कहा, “सूडान के हालात पर हम करीब से नज़र रखे हुए हैं. खार्तूम में दूतावास के साथ भी हम संपर्क में हैं. भारतीय समुदाय के लोगों के साथ भी संवाद बनाए हुए हैं. साथ ही मौजूदा हालात को लेकर विदेशी भागीदारों के साथ भी बात कर रहे हैं.” उन्होंने ये भी बताया कि एक भारतीय की मौत हुई है. उसके अपार्टमेंट से बॉडी को अस्पताल पहुंचाया गया है. हालात बहुत नाजुक हैं. ऐसे में आवाजाही फिलहाल मुश्किल है. जमीनी स्थिति लगातार बदल रही है.







‘लोगों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता’


उन्होंने कहा है, “हम भारतीय नागरिकों की संख्या और उनकी लोकेशन पर अधिक बात नहीं करना चाहते हैं. सुरक्षा कारणों से अभी अधिक डिटेल देना मुमकिन नहीं है. फिलहाल प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है. 24 घंटे में सैकड़ों कॉल आए हैं.  जो लोग इस समय सूडान में हैं हम उनसे यह अपील करते हैं कि वो सुरक्षित रहें. साथ ही भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें.”


बागची ने आगे कहा, “ जहां तक लोगों को सुरक्षित निकालने का सवाल है तो यह हालात पर निर्भर करता है. हम तो चाहेंगे कि लड़ाई रुक जाए, लेकिन अगर जरूरत पड़ती है तो सरकार आपात स्थिति के लिए प्लान तैयार रखती है. इस तरह के अभियान में जमीन या हवाई मार्ग से लोगों को निकालने की कोशिश होती है यह हालात परिस्थिति पर निर्भर करता है. विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर गुरुवार (20 अप्रैल) को सूडान के हालात पर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ महासचिव के साथ भी मुलाक़ात करेंगे.”


इसके साथ ही भारत सरकार ने सूडान में लड़ रहे दोनों गुटों के नेताओं से भी संपर्क किया है ताकि युद्धविराम के साथ -साथ निकासी अभियान मानवीय सहायता आपूर्ति का रास्ता बनाया जा सके.


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