Road Safety In Delhi: दिल्ली (Delhi)  के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Transport Minister Kailash Gehlot) की अध्यक्षता में बुधवार के दिन दिल्ली सचिवालय (Delhi Secretariat) में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद (State Road Safety Council) की बैठक हुई. बैठक में पीडब्ल्यूडी विभाग (PWD Department), उच्च शिक्षा विभाग, यातायात पुलिस (Traffic Police), सभी जिलों के मजिस्ट्रेट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि सहित राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य शामिल हुए. इसके अलावा, विभिन्न संस्थानों और गैर-सरकारी संगठन भी शामिल हुए.


इस बैठक में परिवहन विभाग की ओर से एक अप्रैल 2022 से चलाए जा रहे बस लेन अनुशासन अभियान के बारे में बताया गया. नागरिकों के लिए बस लेन अनुशासन अभियान भीड़ को कम करने और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी तंत्र साबित हो रहा है. इनर रिंग रोड और आउटर रिंग रोड के साथ बस लेन अनुशासन अभियान वर्तमान में अपने पहले चरण में लागू किया गया है.


रोड मार्किंग का पायलट प्रोजेक्ट


अगले चरण में, सभी प्रमुख सड़कों को चल रहे बस लेन अनुशासन अभियान के तहत कवर किया जाएगा और जिला प्रशासन की भी भागीदारी होगी. परिवहन विभाग साइकिल और पैदल चलने वालों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से राजा गार्डन जंक्शन और ब्रिटानिया चौक के बीच बस लेन के लिए बेहतर रोड मार्किंग का एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया है. विभाग दिल्ली में सभी पीडब्ल्यूडी सड़कों पर रोड मार्किंग सिस्टम के सामंजस्य के लिए पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों का प्रशिक्षण भी आयोजित करेगा.


दुर्घटना कम करने पर होगा ध्यान


साल 2022-23 के लिए सड़क सुरक्षा परियोजनाओं के लिए कार्य योजना पर परिषद को एक प्रस्तुति भी दी गई. परिवहन विभाग ने अपने सहयोगी गैर सरकारी संगठनों के साथ चालू वित्त वर्ष के दौरान कार्यान्वयन के लिए 10 उच्च प्रभावशाली जगहों को चिन्हित किया है. इसमें 14 दुर्घटना संभावित चौराहों की पहचान की गई है, जिन्हें दुर्घटनाओं को कम करने के लिए फिर से डिजाइन और सुधार किया जाएगा. इसमें पड़ोस सुधार पहल के तहत राजेंद्र नगर को सड़क सुरक्षा सुधार के लिए चुना गया है. स्कूल क्षेत्रों में सुधार के लिए दिल्ली के 11 जिलों में से 11 स्कूलों को चिन्हित किया गया है. इसके अतिरिक्त, परिवहन विभाग नागरिकों को जागरूकता, सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन और पुलिस कर्मियों, डीटीसी ड्राइवरों को प्रशिक्षण देने और दिल्ली में सड़क सुरक्षा परिदृश्य पर डेटा संचालित अनुसंधान करने के लिए अभियान भी चलाएगा.


बस लेन को किया जाए अतिक्रमण मुक्त


बैठक के दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सभी हितधारकों को सड़क सुरक्षा पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आपस में सामंजस्य और कामकाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा पहल और चल रहे बस लेन अनुशासन अभियान की सफलता में जिलाधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्हें बस लेन अनुशासन अभियान के कार्यान्वयन में शामिल होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बस लेन अतिक्रमण से मुक्त हो. इसके अतिरिक्त, उन पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए हितधारकों के साथ नियमित रूप से मिलने के लिए जिला सड़क सुरक्षा समितियों (डीआरएससी) का भी उपयोग करना चाहिए.


दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बनाने पर जोर


राज्य सड़क सुरक्षा परिषद, राज्य में किए गए सड़क सुरक्षा उपायों की निगरानी, सड़क सुरक्षा नीतियों पर सरकार को सलाह देने और सड़क सुरक्षा मानकों और प्रक्रियाओं को निर्धारित करने और लागू करने के लिए राज्य में एक शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करती है. यह योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करता है और तैयार करता है. सड़क सुरक्षा से संबंधित कर्तव्यों का निर्वहन करने वाली सभी एजेंसियों और सरकारी विभागों के कार्यों का समन्वय करता है.


परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Transport Minister Kailash Gehlot) ने कहा कि दिल्ली (Delhi)  की सड़क पर एक भी व्यक्ति का जान जाना हम सभी के लिए एक अनमोल क्षति है. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दिल्ली की सड़कें हमारे सभी नागरिकों के लिए दुनिया में सबसे सुरक्षित हों. सड़क सुरक्षा परिषद (State Road Safety Council) सड़क सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण पहलों और नीतियों पर चर्चा करने के लिए एक प्रभावी मंच है. सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के बीच आपस में सामंजस्य जरुरी है. विशेष रूप से जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम) को सड़क सुरक्षा पहलों के कार्यान्वयन के लिए अन्य एजेंसियों और विभागों का नेतृत्व करने की जरुरत है.


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