Tamil Nadu CM M.K. Stalin Remark: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिंदी को लागू करने की अनुमति नहीं देगी और तमिल भाषा और संस्कृति की रक्षा करेगी.
सीएम स्टालिन ने अपने पत्र में लिखा, "हम हिंदी थोपने का विरोध करेंगे. हिंदी एक मुखौटा है, जबकि संस्कृत इसका छिपा हुआ चेहरा है."
डीएमके सरकार का लगातार आरोप, केंद्र ने किया खारिजडीएमके सरकार का दावा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत तीन-भाषा फॉर्मूले के जरिए हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है. सीएम स्टालिन ने अपने पत्र में कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मैथिली, ब्रजभाषा, बुंदेलखंडी और अवधी जैसी भाषाओं को हिंदी के प्रभुत्व ने खत्म कर दिया है.
एनईपी में संस्कृत को बढ़ावा देने का आरोपस्टालिन ने आरोप लगाया कि 25 से अधिक उत्तर भारतीय भाषाओं को हिंदी और संस्कृत के प्रभुत्व के कारण नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में संस्कृत को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसे राज्य सरकारों पर थोपने की कोशिश हो रही है. उनका दावा है कि यदि तमिलनाडु तीन-भाषा नीति को स्वीकार कर लेता है, तो तमिल को नजरअंदाज कर दिया जाएगा और भविष्य में संस्कृत का दबदबा रहेगा.
संस्कृत थोपने की योजना बना रहा केंद्र - स्टालिनमुख्यमंत्री स्टालिन का आरोप है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अन्य भारतीय भाषाओं को पढ़ाने की अनुमति केवल संस्कृत के अलावा दी गई है, जबकि तमिल जैसी भाषाओं को ऑनलाइन पढ़ाने की योजना बनाई गई है. उनका कहना है कि इससे साफ पता चलता है कि केंद्र सरकार संस्कृत थोपने की योजना बना रही है, जिसे तमिलनाडु सरकार किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी.