Mahakumbh 2025 Prayagraj: संगम नगरी प्रयागराज में 45 दिनों तक विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक समागम-महाकुंभ बुधवार (26 फरवरी 2025) को अंतिम स्नान महाशिवरात्रि पर्व के साथ संपन्न हुआ. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाकुंभ पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने दावा किया कि असली महाकुंभ तो पहले ही समाप्त हो चुका था और अभी तक जो चल रहा था वो सरकारी कुंभ था. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इससे पहले भी महाकुंभ और इसकी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर चुके हैं.

'अभी तक जो चल रहा था वो सरकारी कुंभ था'

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, "महाकुंभ का समापन पूर्णिमा के साथ ही हो गया था, क्योंकि असली कुंभ माघ महीने में होता है. सारे कल्पवासी वहां से माघ महीने के पूर्णिमा को ही जा चुके थे. इसके बाद जो चल रहा है, वह सरकार की ओर से आयोजित अलग कुंभ है, जिसका पारंपरिक कुंभ जितना आध्यात्मिक महत्व नहीं है."

गोहत्या को रोकने को लेकर बोले अविमुक्तेश्वरानंद 

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने देशभर में गोहत्या को रोकने को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा, "17 मार्च को गोमाता के लिए हमने सरकार को समय दिया है कि देश में जितनी पार्टियां और सरकारें हैं वह सभी मिलकर बताएं कि आखिरकार वह क्या चाहती हैं. गोहत्या रोकना चाहती है या फिर जैसे आजादी के बाद से गोहत्याओं को जारी रखा गया है वैसे ही आगे भी जारी रखना चाहती हैं. हमने 17 मार्च को अंतिम निर्णय करने के लिए उन्हें समय दिया है. हम 17 मार्च की शाम 5 बजे तक सरकार और सभी पार्टियों (पक्ष-विपक्ष) की नीति (गौ हत्या को लेकर) का इंतजार करेंगे."

66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने महाकुंभ में लगाई डुबकी

मेला प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 13 जनवरी 2025 से शुरू हुए महाकुंभ में देश विदेश से 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. महाकुंभ के अंतिम दिन सिर्फ बुधवार को शाम 8 बजे तक 1.53 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई.

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